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किसानों के लिए जरूरी खबर, फरवरी महीने में निपटा लें खेती-बाड़ी से जुड़े ये काम, होगा ज्यादा फायदा

फरवरी महीने में खेती-बाड़ी से जुड़े काम की बात करें, तो इस महीने अधिकतर फसलों की निकाई और सिंचाई की जाती है. इसके अलावा इस महीने कई अन्य महत्वपूर्ण कृषि कार्य किए जाते हैं. जानकारी ना होने की वजह से किसान इस महीने होने वाले खेती के फायदे से वंचित रह जाते हैं. आइए जानते हैं फरवरी महीने में होने वाले खेती से जुड़े काम के बारे में.
Updated on: February 07, 2023, 02.04 PM IST
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प्याज

बिहार सरकार कृषि विभाग के मुताबिक, रोपे हुए प्याज की समय-समय पर निकाई और सिंचाई करते रहें और प्याज में थ्रिप्स के नियंत्रण के लिए प्रति हेक्टेयर 20 पीला चिपकने वाले फंदों का इस्तेमाल करना फायदेमंद है. जरूरी होने पर इमिडाक्लोप्रीड 17.8 एस.एल. का 1 एम.एल प्रति 3 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें. प्याज में उखड़ा रोग के नियंत्रण के लिए कॉपरऑक्सी क्लोराइड 50% घुलनशील चूर्ण का 3 ग्राम या मैंकोजेब 75% घुलनशील चूर्ण का 2 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें, घोल में स्टीकल जरूर मिलाएं और सादापाट (कैपसुलरिस) की बुआई करें. (Image- Bihar Agri Dept.)

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आलू की खेती

आलू के अगात प्रभेद की खुदाई करें. आलू खुदाई के 15 दिन पहले सिंचाई बंद कर दें. (Image- Bihar Agri Dept.)

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सरसों

पीली सरसों में अगर फली लगना शुरू हो गई है तो सिंचाई करें. तेलहन में लाडी का नियंत्रण गतपक्ष के संदेशानुसार करें. (Image- Bihar Agri Dept.)

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मंगू

गरमा मूंग को थिरम या कैप्टॉन 2.5 ग्राम या ट्राइकोडर्मा 5 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचारित कर बुआई करें. फली छेदक का नियंत्रण से पहले दिए गए संदेशानुसार करें. (Image- Bihar Agri Dept.)

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मक्का

बसंत कालीन मक्का को थीरम 75% या कैप्टॉन 75% डब्ल्यू.पी. 2.5 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित कर बुआई करें. साथ ही साथ फसल की निगरानी निरंतर करते हैं और फसल को खर-पतवार से मुक्त रखें. (Image- Bihar Agri Dept.)