खेती के साथ रेशम कीट पालन कर किसान कर सकते हैं मोटी कमाई, सरकार दे रही 90% तक सब्सिडी
किसानों की आय बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार कई योजनाएं चला रही हैं. इसी कड़ी में हरियाणा उद्यान विभाग किसानों को खेती के साथ शहतूत पर रेशम कीट का पालन कर आर्थिक रूप से समृद्ध बन सकते हैं. इसके लिए उद्यान विभाग हरियाणा रेशम कीट पालन करने वाले किसानों को 90% तक अनुदान दे रहा है.
Updated on: June 24, 2024, 02.38 PM IST
उद्यान विभाग हरियाणा पंचकुला, अंबाला और यमुनानगर के शिवालिक क्षेत्र में रेशम कीट पालन करने वाले किसानों को 90 फीसदी अनुदान देने का प्रावधान रखा गया है. ताकि किसान अपनी आमदनी बढ़ाकर अपना जीवन स्तर ऊंचा उठा सकें.
रेशम कीट पालन करने वाले किसानों को एक एकड़ के लिए 300 पौधे रोपने पर 12,600 रुपये, अगले वर्ष उनकी मेंटेनेंस पर 4,050 रुपये दिए जाएंगे. 50 डी.एफ.एल.कीट पालन के लिए रेयरिंग हाउस साइज पर 15 गुणा 10 प्रति वर्ग फुट 78,750 रुपये व 100 डी.एफ.एल.कीट पालन करने वाले किसानों को रेयरिंग हाउस साइज 20 गुणा 15 प्रति वर्ग फुट 1,56,600 रुपये दिए जाएंगे.
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नर्सरी पर 1.35 लाख रुपये का अनुदान
वहीं, 50 डी.एफ.एल.कीट पालन कीट पालन के लिए रेयरिंग एपलाइसिंग पर 36,000 रुपये और किसान नर्सरी पर 1,35,000 रुपये अनुदान दिया जा रहा है.
किसान अपने खेत के चारों ओर शहतूत का पौधारोपण अधिकतम 2 एकड़ के लिए 600 पौधे लगा सकते हैं. इसके अलावा, ब्लॉक पिजौंर व मोरनी के अनुसूचित जाति के भूमिहीन किसानों को समूह में रेशम कीट पालन करने के लिए भी अनुदान राशि देने का प्रावधान किया गया है.
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किसानों को खुद करने होंगे ये काम
किसान अपने स्तर पर अपने नजदीकी/संबंधित किसानों से सरकारी शहतूत नर्सरी, जंगलात भूमि से शहतूत पत्तों का प्रबंध खुद करेगा. रेशम कीट पालन किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए बेहतर जरिया है.