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नागपुर ही नहीं अब यहां भी होगा संतरे का उत्पादन, 1800 हेक्टेयर में होगी खेती

Orange Cultivation: संतरे के लिए अब नागपुर ही नहीं हिमालच प्रदेश का भी जुबां पर नाम आएगा. हिमाचल प्रदेश सरकार (Himachal Pradesh Government) ने हिमाचल प्रदेश सबट्रॉपिकल हॉर्टिकल्चर, इरीगेशन और वैल्यू एडिशन (SHIVA) प्रोजेक्ट के तहत संतरे के उत्पादन (Orange Production) के लिए राज्य में 1,800 हेक्टेयर भूमि में खेती करने का प्रस्ताव किया है.
Updated on: May 14, 2023, 11.32 AM IST
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माइक्रो-ग्राफ्टिंग तकनीक से होगी संतरे की खेती

राज्य के बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने संतरे की खेती (Orange Cultivation) में माइक्रो-ग्राफ्टिंग तकनीक का अवलोकन करने के साथ साइट्रस पैथोलॉजी कार्यक्रम और राष्ट्रीय साइट्रस रिपॉजिटरी कार्यक्रम पर चर्चा की. प्रतिनिधिमंडल इस समय परियोजना के हिस्से के रूप में ऑस्ट्रेलिया के छह दिवसीय दौरे पर है. (Image- Freepik)

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इतने तापमान में उगाया जाता है संतरा

हिमाचल प्रदेश शिवा परियोजना को एशियाई विकास बैंक द्वारा फंडिंग किया गया है.  खट्टे फल राज्य के मैदानी इलाकों में उगाए जाते हैं जहां अधिकतम तापमान 30 से 40 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है. (Image- Freepik)

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ऑस्ट्रेलिया से मिलेगी तकनीकी मदद

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की यह एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया से तकनीकी ज्ञान प्राप्त करने और इस क्षेत्र में सुधार के मकसद से स्थानीय बागवानों का मार्गदर्शन करने के लिए इसका उपयोग किया जाएगा. इससे राज्य में उच्च गुणवत्ता वाले संतरे के पौधे तैयार करने में मदद मिलेगी. (Image- Freepik)

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किसानों की बढ़ेगी आय

मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश कृषि-जलवायु परिस्थितियों की एक विस्तृत श्रृंखला से संपन्न है, जो बड़ी संख्या में सेब, खट्टे फल, आम, खुबानी जैसे फलों की फसलों के लिए वरदान साबित हुआ है. किसानों की आय के साथ ही पौधों की उत्तरजीविता दर बढ़ाने के लिए नई तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया जा रहा है. (Image- Freepik)

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आधुनिक तकनीकों पर जोर

प्रतिनिधिमंडल ने अपनी यात्रा के दौरान ऑस्ट्रेलिया में पादप स्वास्थ्य प्रबंधन के क्षेत्र में अपनाई जा रही स्क्रीनिंग, परीक्षण, सफाई और रखरखाव की आधुनिक तकनीकों का अवलोकन किया और उनका अध्ययन किया. बयान के अनुसार, उन्होंने सिडनी में स्ट्रॉबेरी उद्योग प्रमाणन प्राधिकरण और एलिजाबेथ कृषि संस्थान की प्रयोगशालाओं का भी दौरा किया और नर्सरी पंजीकरण कार्यक्रमों के लिए आधुनिक तकनीकों पर चर्चा की. (Image- Freepik)