Paddy Sowing: मानसून आगे बढ़ने के साथ धान की बुवाई पकड़ने लगी जोर, मोटे अनाज का रकबा बढ़ा
Paddy Sowing: कृषि आयुक्त ने कहा कि कुछ हिस्सों में किसानों ने धान की पौध (Paddy Crop) तैयार करनी शुरू कर दी है. बाद में धान के इन छोटे पौधों की रोपाई की जाती है.
Paddy Sowing: मानसून की बारिश वाले इलाकों में खरीफ सीजन (Kharif Season) की मुख्य फसल धान की बुआई का काम जारी है और मानसून आगे बढ़ने के साथ देश के अलग-अलग हिस्सों में इस फसल की बुवाई जोर पकड़ने लगी है. कृषि आयुक्त पी के सिंह ने कहा कि कुछ हिस्सों में किसानों ने धान की पौध (Paddy Crop) तैयार करनी शुरू कर दी है. बाद में धान के इन छोटे पौधों की रोपाई की जाती है.
उन्होंने कहा, धान की बुवाई (Paddy Sowing) अभी शुरू हुई है और जिन इलाकों में बारिश हुई है वहां अब तक अच्छी बुवाई हुई है. देश के अलग-अलग हिस्सों में मानसून आगे बढ़ने के साथ इस काम में तेजी आ रही है. कृषि मंत्रालय (Agriculture Ministry) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले सप्ताह तक धान की खेती का रकबा 14.66% घटकर 5.32 लाख हेक्टेयर था जबकि एक साल पहले की इसी अवधि में इसका रकबा 6.23 लाख हेक्टेयर था.
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दलहन-तिलहल की बुवाई पकड़ेगी रफ्तार
कृषि आयुक्त ने दलहन के मामले में कहा कि बारिश पर आधारित क्षेत्रों में उगाई जानी वाली दालों की बुवाई मानसून की प्रगति के साथ तेजी पकड़ेगी. पिछले सप्ताह तक 1.80 लाख हेक्टेयर में दलहन की बुआई की गई थी, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 4.22 लाख हेक्टेयर थी. तिलहन का रकबा भी पिछले सप्ताह तक गिरकर 4.11 लाख हेक्टेयर ही रहा. हालांकि मोटे अनाज का रकबा 16 जून तक 12.43 लाख हेक्टेयर के साथ थोड़ा अधिक हो गया.
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धान की बुवाई सामान्य रूप से दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के साथ शुरू होती है. देश के कुल चावल उत्पादन का लगभग 80% चावल खरीफ मौसम में ही पैदा होता है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य रहने का अनुमान लगाया है. मानसून आने में शुरुआती देरी के बाद यह अन्य क्षेत्रों में आगे बढ़ गया है.
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