धान की नई वैरायटी देगी डेढ़ गुना ज्यादा उपज, कम पानी और कम लागत में होगी तगड़ी कमाई
Sabour Mansuri Dhan: इस धान के बीज को बिना रोपनी सीधी लगाई जा सकती है. धान की नई किस्म Sabour Mansuri की खोज बिहार कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने की है.
Sabour Mansuri Dhan: धान खरीफ सीजन की मुख्य फसल है. कम पानी, खाद और कम लागत में सामान्य धान की तुलना में धान की नई वेरायटी सबौर मंसूरी में लगभग डेढ़ गुना ज्यादा उपज मिलेगी. केंद्र से इस वेरायटी की नोटिफिकेशन एक महीने में जारी होगी. इसी खरीफ सीजन से ही किसान इस धान को अपने खेतों में लगा सकेंगे. 9 राज्यों बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तेलंगाना और पांडिचेरी में इस धान का उत्पादन होगा.
इस धान के बीज को बिना रोपनी सीधी लगाई जा सकती है. धान की नई किस्म Sabour Mansuri की खोज बिहार कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने की है. पिछले 4 वर्षों तक बिहार सहित देश के 19 राज्यों में समन्वित धान सुधार परियोजना के तहत 125 केंद्रों पर परीक्षण किया गया था.
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प्रति हेक्टेयर उत्पादन
बिहार कृषि विभाग के मुताबिक, सबौर मंसूरी धान (Sabour Mansuri Dhan) का औसत उत्पादन 65 से 70 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. अधिकतम उत्पादन क्षमता 122 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पाया गया है. राज्य के किसानों के खेतों में प्रयोग में भी इस वेरायटी का उत्पादन 107 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक मिला है.
सबौर धान की खासियतें
सबौर मंसूरी (Sabour Mansuri) मौसम के अनुकूल वेरायटी है. सीधी बुवाई और कठिन परिस्थिति में भी 135 से 140 दिनों में 65 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से ज्यादा उत्पादन पाया है. इस वेरायटी के पौधे में औसतन 18 से 20 कल्ले होते हैं. इसमें 29 सेमी की बालियां होती हैं. इसमें 300 से ज्यादा दाने पाए गए हैं. दाने का रंग सुनहरा है. यह नाटी मंसूरी के दाने जैसा होता है.
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कीट और प्रतिरोधक क्षमता अधिक
धान की इस प्रजाति में रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा है. जीवाणु झुलसा, झोंका रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधी है. तना छेदक और भूरा पत्ती लपेटक कीट के प्रति सहनशील है. साथ ही इसका तना भी बहुत मजबूत है, जिससे ये बदलते जलवायु में बार-बार आने वाले आंधी और तूफान में नहीं गिरेगी.