Onion Prices: प्याज की बढ़ती कीमतों से आम आदमी को राहत मिलेगी. महाराष्ट्र के नासिक से रेल रेक के जरिए 840 मीट्रिक टन प्याज दिल्ली के किशनगंज रेलवे स्टेशन पर पहुंची है. इसमें से दिल्ली-एनसीआर में 35 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खुदरा बिक्री के लिए 500 मीट्रिक टन मदर डेयरी (Mother Dairy) को, एनसीसीएफ (NCCF ) को 190 मीट्रिक टन और नैफेड (NAFED) को 150 मीट्रिक टन प्‍याज आवंटित की गई है.  

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केंद्र सरकार का कहना है कि कीमतों में स्थिरता आने के बाद से दिल्ली में प्याज की यह चौथी खेप है. सरकार द्वारा भेजी गई, कांदा एक्सप्रेस (Kanda Express) से 1,600 मीट्रिक टन प्याज की पहली खेप 20 अक्टूबर को पंहुची, 840 मीट्रिक टन की दूसरी खेप 30 अक्टूबर को पहुंची और 730 मीट्रिक टन की तीसरी खेप 12 नवंबर को पहुंची थी. 720 मीट्रिक टन की एक और खेप सोमवार को नासिक से रवाना हो चुकी है. यह 21 नवंबर तक दिल्ली पहुंचेगी. यह इस श्रृंखला की पांचवीं खेप है.

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प्याज की कीमतों पर असर

थोक मात्रा में प्याज की इस आवक से दिल्ली में मंडी और खुदरा दोनों जगहों पर प्याज की कीमतों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है. केंद्र सरकार के मुताबिक दिल्ली के अलावा, हाल ही में चेन्नई और गुवाहाटी के लिए भी प्याज की बड़ी खेप भेजी गई है. 23 अक्टूबर को नासिक से रेल रेक के जरिए 840 मीट्रिक टन प्याज भेजी गई थी, जो 26 अक्टूबर को चेन्नई पहुंची. इस सप्ताह रेल रेक के जरिए असम के गुवाहाटी के लिए 840 मीट्रिक टन की एक और खेप भेजने की योजना है. गुवाहाटी के लिए थोक खेप भेजने से पूर्वोत्तर क्षेत्र में प्याज की उपलब्धता बढ़ेगी और क्षेत्र में प्याज की कीमतें स्थिर होंगी. इसके अलावा, लखनऊ में अमौसी के लिए रेल रेक के जरिए 840 मीट्रिक टन की एक और खेप अगले 2-3 दिनों में आने की उम्मीद है, जिसका लदान बुधवार से शुरू होगा.

सरकार ने त्योहारी सीजन और मंडियों के बंद होने के कारण पिछले 2-3 दिनों में कुछ बाजारों में प्याज की आपूर्ति में आई अस्थायी बाधा को दूर करने के लिए प्याज की आपूर्ति को बढ़ाने का फैसला लिया है. उपभोक्ता मामले विभाग, एनसीसीएफ और नैफेड के अधिकारियों की एक टीम ने देश भर में प्याज की आपूर्ति में तेजी लाने के लिए हाल ही में नासिक का दौरा भी किया था.

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नैफेड ने इस हफ्ते दिल्ली-एनसीआर के लिए दो और रेक तथा गुवाहाटी के लिए एक रेक मंगवाया है. इसके अलावा, सरकार ने पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली आदि की जरूरतों को पूरा करने के लिए सोनीपत के कोल्ड स्टोरेज में रखे प्याज को निकालने का भी फैसला लिया है. साथ ही, कर्नाटक, महाराष्ट्र, असम आदि में प्याज की आपूर्ति बढ़ाने के लिए आरजेवीएम, सीडब्ल्यूसी कोल्ड स्टोरेज नासिक से भी प्याज भेजने का फैसला लिया है.

इस साल बनाए गए 4.7 लाख टन बफर स्टॉक में से सरकार पहले ही 1.50 लाख टन की आपूर्ति कर चुकी है. पीएसएफ के जरिए पहल से विभिन्न राज्यों में प्याज की कीमतों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, तेलंगाना, गुजरात, चंडीगढ़, हरियाणा, गोवा आदि जैसे अधिकांश राज्यों में औसत खुदरा कीमतें राष्ट्रीय औसत से कम रही हैं.

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प्याज का उत्पादन

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के आकलन के अनुसार, इस वर्ष खरीफ की वास्तविक बुवाई रकबा 3.82 लाख हेक्टेयर था, जो पिछले वर्ष की बुवाई रकबा 2.85 लाख हेक्टेयर से 34% अधिक है. नवंबर के पहले हफ्ते तक 1.28 लाख हेक्टेयर में बुवाई के साथ देर से खरीफ प्याज की बुवाई की प्रगति भी सामान्य बताई गई है. बाजारों में अधिक खरीफ प्याज की आवक के साथ-साथ बफर स्टॉक से प्याज निकालने में बढ़ोतरी और देर से खरीफ की अच्छी बुवाई प्रगति से उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर प्याज की उपलब्धता सुनिश्चित होगी.

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