खाद्य तेलों के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा भारत, 11 राज्यों के 49 जिलों में Mega Oil Palm Plantation अभियान हुआ पूरा
Mega Oil Palm Plantation drive: इस अभियान के जरिए 2025-26 तक ऑयल पाम उत्पादन के तहत पाम ऑयल की खेती में 6.5 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र को बढ़ाने के लक्ष्य को पाने में मदद मिलेगी.
Mega Oil Palm Plantation drive: ऑयल पाम प्रोसेसिंग कंपनियों के साथ अलग-अलग राज्य सरकारों ने 25 जुलाई 2023 से मेगा ऑयल पाम प्लांटेशन (Mega Oil Palm Plantation) अभियान की शुरुआत की थी. यह अभियान 12 अगस्त 2023 को समाप्त हो गया. इस अभियान का उद्देश्य ऑयल पाम की खेती को और बढ़ावा देना, खाद्य तेलों (Edible Oils) के उत्पादन में देश और किसानों को 'आत्मनिर्भर' बनाना शामिल है. इस अभियान के माध्यम से 2025-26 तक ऑयल पाम उत्पादन के तहत पाम ऑयल की खेती में 6.5 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र को बढ़ाने के लक्ष्य को पाने में मदद मिलेगी.
इन कंपनियों ने लिया भाग
आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, कर्नाटक, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना और त्रिपुरा इसके प्रमुख तेल उत्पादक राज्य हैं. पतंजलि फूड प्राइवेट लिमिटेड, गोदरेज एग्रोवेट और 3एफ जैसी ऑयल पाम प्रसंस्करण कंपनियों ने इस अभियान में सक्रिय रूप से भागीदारी की. इसके अतिरिक्त केई कल्टीवेशन और नवभारत जैसी अन्य क्षेत्रीय कंपनियों ने भी इस अभियान में भाग लिया.
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3500 हेक्टेयर में रोपाई
इस अभियान के माध्यम से, राज्य और कंपनियां 11 राज्यों के 49 जिलों के 77 गांवों में 7000 से अधिक किसानों तक पहुंचने में सक्षम रही और इस दौरान लगभग 3500 हेक्टेयर क्षेत्र को शामिल करते हुए 5 लाख से अधिक वृक्षारोपण किया गया.
तकनीकी प्रशिक्षण सेमिनारों का भी आयोजन
इस व्यापक वृक्षारोपण अभियान के हिस्से के रूप में, कंपनियों ने विभाग के कर्मचारियों के साथ किसानों के लिए ऑयल पाम की खेती पर उत्कृष्ट और व्यापक स्तर पर सघन तकनीकी प्रशिक्षण सेमिनारों का भी आयोजन किया. इन सेमिनारों का उद्देश्य किसानों और कर्मचारियों को प्रबंधन पैकेजों के बारे में अधिक जागरूक बनाना था जिससे पौधों के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी, उत्पादकता बढ़ेगी और स्थायी आय स्रोत पैदा होगा.
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इस योजना के अंतर्गत, किसानों को गुणवत्ता रोपण सामग्री, फसल के रखरखाव और इंटरक्रॉपिंग के लिए वित्तीय सहायता सहित विभिन्न प्रोत्साहन भी प्रदान किए जाते हैं. इसके अतिरिक्त, किसानों को उनकी उपज के लिए गारंटीकृत कीमतों के साथ एक सुनिश्चित बाजार भी प्रदान किया जाता है.
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