पिछले दो दिनों में बेमौसम बारिश से महाराष्ट्र के पश्चिमी विदर्भ क्षेत्र के पांच जिलों में 7,400 हेक्टेयर से अधिक में फसलों को नुकसान पहुंचा है. रूक-रूक कर हो रही बारिश से अमरावती, अकोला, यवतमाल, वाशिम और बुलढाणा जिलों में फसल प्रभावित हुई है. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अमरावती जिले में समीक्षा बैठक करने के बाद कहा कि 7,400 हेक्टेयर से अधिक की फसलें बर्बाद हो गई हैं. 3,243 हेक्टेयर में नुकसान का आकलन पूरा हो गया है. बाकी मूल्यांकन जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा. बेमौसम बारिश से कम से कम 7,596 किसान (Farmers) प्रभावित हुए हैं.

बेमौसम बारिश को प्राकृतिक आपदा मानने का फैसला

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यह देखा गया है कि राज्य के कुछ विशिष्ट क्षेत्रों के कुछ गांव पिछले कुछ वर्षों में बेमौसम बारिश से अक्सर प्रभावित हुए हैं. महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री ने कहा, हम जलवायु परिवर्तन की नयी चुनौती का कोई समाधान खोजने के लिए काम कर रहे हैं. महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने हाल में कम से कम पांच दिनों तक लगातार 10 मिलीमीटर बारिश और फसलों को 33% से अधिक नुकसान होने की स्थिति में बेमौसम बारिश को प्राकृतिक आपदा मानने का फैसला किया है.

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14 अप्रैल तक बारिश की संभावना

महाराष्ट्र के मराठवाड़ा के अलग-अलग इलाकों में 14 अप्रैल तक तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम स्तर की बारिश की संभावना है. वसंतराव नाइक कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग ने मराठवाड़ा के अलग-अलग स्थानों पर 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने और हल्की से मध्यम स्तर की बारिश होने का अनुमान लगाया है.

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विश्वविद्यालय की ओर से जारी प्रेस रिलीज के अनुसार, औरंगाबाद, जालना, बीड, उस्मानाबाद, परभणी, लातूर और नांदेड़ में बारिश हो सकती है. वहीं, एक अधिकारी ने बताया कि मराठवाड़ा में सात और आठ अप्रैल को बारिश से जुड़ी घटनाओं में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और छह अन्य लोग घायल हो गए. उन्होंने बताया कि इन दो दिनों में हुई बारिश में 50 से अधिक जानवरों की भी मौत हुई है. संभागीय आयुक्त कार्यालय की प्राथमिक रिपोर्ट के अनुसार, लातूर जिले में 84 हेक्टेयर भूमि पर नुकसान की सूचना मिली थी.

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