Basmati Rice Export: एलटी फूड्स लिमिटेड (LT Foods Ltd) ने कहा कि बासमती चावल (Basmati Rice) पर 1,200 अमेरिकी डॉलर प्रति टन की मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस सीमा लगाने के सरकार के फैसले से कंपनी के बासमती एक्सपोर्ट पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

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कंपनी ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में दावा किया कि इस प्राइस लिमिट का एलटी फूड्स लिमिटेड (LT Foods Ltd) के निर्यात पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि कंपनी ज्यादातर अपने विश्वसनीय ब्रांड यानी ‘दावत’ (DAAWAT) और ‘रॉयल’ (Royal) में प्रीमियम और पुराने चावल का निर्यात करती है, जिनमें से अधिकतर का एक्सपोर्ट प्राइस, उक्त मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस लिमिट से कहीं अधिक है.

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सरकार ने प्रीमियम बासमती चावल (Premium Basmati Rice) की आड़ में सफेद गैर-बासमती चावल (Non-Basmati Rice) की संभावित ‘अवैध’ निर्यात खेपों को प्रतिबंधित करने के लिए 1,200 डॉलर प्रति टन से नीचे के भाव के बासमती चावल के एक्सपोर्ट की अनुमति नहीं देने का फैसला किया है.

1200 डॉलर प्रति टन से नीचे के कॉन्ट्रैक्ट्स रद्द

रविवार को एक बयान में, वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि उसने व्यापार संवर्धन निकाय- एपीडा (APEDA) को 1,200 डॉलर प्रति टन से नीचे के कॉन्ट्रैक्ट्स को रजिस्टर नहीं करने का निर्देश दिया है. 1,200 डॉलर प्रति टन से नीचे के मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट्स को स्थगित रखा गया है. भविष्य की कार्रवाई का मूल्यांकन करने के लिए एपीडा के अध्यक्ष के तहत एक समिति गठित की जाएगी.

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बासमती चावल निर्यातक जीआरएम ओवरसीज (GRM Overseas) के प्रबंध निदेशक अतुल गर्ग ने कहा, पिछले पांच वित्त वर्षों के दौरान बासमती चावल एक्सपोर्ट की औसत कीमत 900 डॉलर और 1,000 डॉलर प्रति टन के बीच है. गर्ग ने कहा, हम सरकार से पूरे उद्योग के लिए बासमती चावल का मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस 1,200 डॉलर प्रति टन से कम करने पर विचार करने का आग्रह करते हैं.

पिछले साल सितंबर में सरकार ने टूटे हुए चावल (Broken Rice) के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था, जबकि पिछले महीने गैर-बासमती सफेद चावल पर प्रतिबंध लगाया था. पिछले सप्ताह, उसना चावल पर 20% एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाया गया था.

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इन प्रतिबंधों के साथ भारत ने अब गैर-बासमती चावल (Non-Basmati Rice) की सभी किस्मों पर प्रतिबंध लगा दिया है. कीमत के हिसाब से वित्त वर्ष 2022-23 में भारत का बासमती चावल (Basmati Rice) का कुल निर्यात 4.8 अरब डॉलर का हुआ था, जबकि मात्रा के हिसाब से यह 45.6 लाख टन था.

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