PM Kisan 17th installment: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) सत्ता संभालने के बाद पहली बार 18 जून को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी का दौरा करेंगे. इस दौरान प्रधानमंत्री किसानों को पीएम किसान योजना की 17वीं किस्त जारी करने और कृषि सखियों के रूप में 30,000 से अधिक स्वयं सहायता समूहों को प्रमाण पत्र प्रदान करेंगे.  इन सदस्यों को किसानों की मदद के लिए कृषि सखी योजना के तहत 'कृषि सखी' के रूप में ट्रेनिंग दी गई है. 

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केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पद ग्रहण करने के बाद सबसे पहले किसान सम्मान निधि की 17वीं किश्त किसानों को जारी करने को लेकर हस्ताक्षर किए. तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद अपने सबसे पहले कार्यक्रम में पीएम किसान (PM Kisan) की बहुप्रतीक्षित 17वीं किस्त, 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि, 9.26 करोड़ से अधिक लाभार्थी किसानों को प्रधानमंत्री द्वारा वाराणसी से बटन के एक क्लिक से वितरित की जाएगी.

11 करोड़ से अधिक किसानों को फायदा

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसान सम्मान निधि 24 फरवरी 2019 को शुरू की गई एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जिसका उद्देश्य उच्च आय की स्थिति के कुछ बहिष्करण मानदंडों के अधीन सभी भूमि-धारक किसानों की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करना है. उन्होंने कहा कि लाभार्थियों के पंजीकरण और सत्यापन में पूर्ण पारदर्शिता बनाए रखते हुए, भारत सरकार ने देश भर में अब तक लगभग 11 करोड़ से अधिक किसानों को 3.04 लाख करोड़ रुपये से अधिक का वितरण किया है और इस रिलीज के साथ ही, योजना की शुरुआत से लाभार्थियों को हस्तांतरित कुल राशि 3.24 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगी.

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कृषि सखी योजना का आय बढ़ाना उद्देश्य 

किसानों की सहायता के लिए कई बहनों को प्रशिक्षण देकर तैयार किया है ताकि वो खेती में अलग-अलग कामों के माध्यम से किसानों का सहयोग कर सकें और लगभग 60-80 हजार रुपये तक की सालाना अतिरिक्त आय अर्जित कर पाएं. पीएम किसान की किस्त जारी करने के कार्यक्रम के साथ-साथ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 30,000 से अधिक स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को कृषि सखियों के रूप में प्रमाण पत्र भी प्रदान करेंगे और एक प्रतीक के रूप में माननीय प्रधानमंत्री 5 कृषि सखियों को प्रमाण पत्र वितरित करेंगे.

कृषि सखी कार्यक्रम को चरण-1 में 12 राज्यों; गुजरात, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, ओडिशा, झारखंड, आंध्र प्रदेश और मेघालय  में शुरू किया गया है। आज तक, 70,000 में से 34,000 से अधिक कृषि सखियों को पैरा-एक्सटेंशन वर्कर के रूप में प्रमाणित किया जा चुका है. कृषि सखियों को कृषि पैरा-विस्तार कार्यकर्ताओं के रूप में इसलिए चुना जाता है क्योंकि वे विश्वसनीय सामुदायिक संसाधन व्यक्ति और अनुभवी किसान हैं. कृषि सखियों को पहले से ही विभिन्न कृषि पद्धतियों में व्यापक प्रशिक्षण प्राप्त है, जिससे वे साथी किसानों को प्रभावी ढंग से सहायता और मार्गदर्शन देने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित हैं.

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तीन समान किस्तों में 6,000 रुपये ट्रांसफर

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi) के तहत प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) मोड के माध्यम से देश भर के किसानों के परिवारों के बैंक खातों में हर चार महीने में तीन समान किस्तों में 6,000 रुपये प्रति वर्ष का वित्तीय लाभ हस्तांतरित किया जा रहा है तो वहीं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 4 करोड़ से ज्यादा किसानों को आर्थिक सुरक्षा की गारंटी दी गयी है. चौहान ने खुशी जताई कि वैश्विक कीमतों में उछाल के बावजूद भी किसानों को 11 लाख करोड़ की सब्सिडी उपलब्ध कराकर सस्ती दरों पर खाद उपलब्ध कराने का काम निरंतर जारी है.