यूपी में किसानों के लिए लगेगा महामेला, कृषि कुंभ 2.0 का होगा आयोजन, तैयारियां शुरू
Krishi Kumbh 2.0: इसके इस साल दिसंबर के दूसरे हफ्ते में आयोजित होने की संभावना है. साल 2018 में पहला कृषि कुंभ (Krishi Kumbh) आयोजित कर सरकार ने देशभर में सराहना बटोरी थी.
Krishi Kumbh 2.0: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) कृषि कुंभ 2.0 को एक वैश्विक आयोजन बनाने की तैयारी कर रही है. इसके इस साल दिसंबर के दूसरे हफ्ते में आयोजित होने की संभावना है. साल 2018 में पहला कृषि कुंभ (Krishi Kumbh) आयोजित कर सरकार ने देशभर में सराहना बटोरी थी.
सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने कहा कि प्रदेश के हर जिले और देश के हर राज्य को कृषि क्षेत्र में हो रही सर्वोत्तम प्रथाओं को प्रदर्शित करने वाले कार्यक्रम में भाग लेना चाहिए. कृषि कुंभ (Krishi Kumbh) हमारे किसानों को तकनीकी दृष्टि से और अधिक समृद्ध बनाने में सक्षम बनाएगा. यह कार्यक्रम दुनिया भर में कृषि क्षेत्र में बीज से लेकर बाजार तक अपनाई जा रही प्रौद्योगिकी और इनोवेशन के बारे में जानकारी प्रदान करेगा.
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500 से अधिक कंपनियों के भाग लेने की संभावना
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि कुंभ (Krishi Kumbh) के दूसरे एडिशन में 2 लाख से अधिक किसानों, 10 भागीदार देशों और 500 से अधिक राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों और संस्थानों के भाग लेने की संभावना है. सीएम ने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों, कृषि व संबंधित क्षेत्रों की प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों/संस्थानों, सभी कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केंद्रों और प्रगतिशील किसानों को इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए.
सम्मेलन के वैश्विक स्वरूप पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जापान, इजराइल, क्रोएशिया, पोलैंड, पेरू, जर्मनी, अमेरिका, फिलीपींस, दक्षिण कोरिया और इंडोनेशिया जैसे देशों में खेती से संबंधित कई नए काम किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा, "वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन की तर्ज पर, संबंधित देशों में भारतीय दूतावासों/उच्चायोगों से संपर्क करने और इन देशों को कृषि कुंभ में भागीदार बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए.
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बता दें कि सम्मेलन का मुख्य कार्यक्रम लखनऊ के भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान में होगा और नई दिल्ली में एक कर्टेन रेज़र का भी आयोजन किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि गौ (Cow) आधारित प्राकृतिक खेती, जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने की तैयारी, खाद्यान्न को बढ़ावा, एफपीओ (FPO) आधारित व्यवसाय और खेती की लागत कम करने के साथ-साथ पराली प्रबंधन, राज्य को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में मदद करेगी.