Kinnow Production: पंजाब में किन्नू (kinnow) उत्पादन  इस वर्ष 25 फीसदी कम रहने का अनुमान है, जबकि इस मौसम में किन्नू उत्पादकों को ऊंचे दाम मिल रहे हैं. किन्नू उत्पादकों का कहना है कि नहर के पानी की किल्लत और सामान्य से कहीं अधिक तापमान की वजह से इस वर्ष उत्पादन कम है.

Kinnow का सबसे बड़ा उत्पादक है पंजाब

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पंजाब देश में किन्नू का सबसे बड़ा उत्पादक है. यहां करीब 59,000 हेक्टेयर भूमि में किन्नू की फसल (Kinnow Crop) होती है और वार्षिक उत्पादन लगभग 12 लाख टन होता है. किन्नू फसल की कटाई दिसंबर में शुरू होकर फरवरी माह के अंत तक चलती है. अबोहर राज्य में किन्नू का सबसे बड़ा उत्पादक है और यहां 35,000 हेक्टेयर क्षेत्र में किन्नू उगाया जाता है.

ये भी पढ़ें- प्राकृतिक खेती ने बदली किसान की तकदीर, 10 हजार लगाकर कमा लिए ₹5 लाख, जानें इसके फायदे

9 लाख टन रह सकता है उत्पादन

बागवानी विभाग में नोडल अधिकारी बलविंदर सिंह ने कहा, इस वर्ष किन्नू के उत्पादन में करीब 25% की गिरावट आने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि औसत उत्पादन 12 लाख टन होता है जो इस बार 9 लाख टन रह सकता है.

उत्पादकों ने कहा कि अबोहर जिले के एक बड़े क्षेत्र को फरवरी और मई के बीच सिंचाई के लिए नहर के पानी की पर्याप्त आपूर्ति नहीं मिल सकी. किसानों को फलों की फसल को पानी देने के लिए पानी की आपूर्ति की कमी का सामना करना पड़ रहा था, मार्च में फूल आने की अवस्था के दौरान अप्रत्याशित उच्च तापमान अप्रत्याशित रूप से आया. 

ये भी पढ़ें- आ गई सेब की नई किस्म, कम ठंड में भी होगा बंपर उत्पादन, ये महिला किसान कर रही बेहतर कमाई

किसानों ने कहा कि उच्च तापमान और सिंचाई के लिए पानी की कमी के दोहरे प्रभाव के कारण कई किसानों को अपने पौधे उखाड़ने पड़े. 

50-60% गिरावट होने की संभावना

एक अन्य किन्नू उत्पादक अजीत शरण ने कहा, अबोहर में फसल में लगभग 50-60% गिरावट होने वाली है. मार्च में तापमान 10 डिग्री तक बढ़ गया, जिससे फसल के फूलने पर असर पड़ा. शरण अबोहर के रामगढ़ गांव में 100 एकड़ से अधिक भूमि पर फलों की फसल भी उगाते हैं. फूलों की अवस्था फरवरी में शुरू होती है और मार्च तक चलती है.

ये भी पढ़ें- 2 महीने का कोर्स कर शुरू किया ये काम, एक साल में कमा लिए ₹80 लाख, आप भी उठा सकते हैं फायदा

उत्पादकों ने कहा कि अबोहर में फसल की कटाई शुरू होने से किसानों को फसल की गुणवत्ता के आधार पर 25 से 29 रुपये प्रति किलोग्राम का अधिक मुनाफा मिल रहा है, जबकि पिछले सीजन में यह 18-20 रुपये प्रति किलोग्राम था.

ये भी पढ़ें- कैक्टस से किसानों की बढ़ेगी इनकम, सरकार कर रही है इस पर काम, जानिए पूरा प्लान

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें

(पीटीआई)