Kharif Sowing: भारत में इस वर्ष खरीफ फसलों का बुआई क्षेत्र 3 फीसदी बढ़कर 904.60 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो कि पिछले साल समान अवधि में 879.22 लाख हेक्टेयर था. कृषि मंत्रालय (Agriculture Ministry) की ओर से एकीकृत किए गए डेटा से यह जानकारी मिली है. धान, दलहन, तिलहन, बाजरा, और गन्ना जैसी मुख्य फसलों की बुआई में बढ़त देखने को मिली है. इसकी वजह देश में सामान्य से अच्छा मानसून होना है.

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कृषि क्षेत्र में आगे और बढ़त देखने को मिल सकती है. इसकी वजह आम बजट 2024-25 में वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण की ओर से कृषि और उससे जुड़े क्षेत्र में उत्पादन बढ़ने और लचीलापन लाने के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित करना है.

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तिलहन में आत्मनिर्भर हासिल करना

कृषि क्षेत्र में उत्पादकता और लचीलापन बढ़ाने के लिए किए गए ऐलानों में तिलहन में आत्मनिर्भरता और सब्जी उगाने के लिए बड़े स्तर का क्लस्टर आदि शामिल है. सीतारमण ने कहा कि सरकार की रणनीति सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन, और सूरजमुखी जैसे तिलहन में आत्मनिर्भरता हासिल करना है. सरकार इनके उत्पादन, भंडारण और विपणन को मजबूत करेगी.

वित्त मंत्री की ओर से आगे कहा गया है कि बड़े स्तर पर सब्जी उत्पादन के क्लस्टर ऐसे स्थानों पर बनाए जाएंगे, जहां खपत काफी ज्यादा है. सरकार उत्पादों के संग्रहण, भंडारण और विपणन सहित सब्जी आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए किसान-उत्पादक संगठनों, सहकारी समितियों और स्टार्टअप को बढ़ावा देगी.

सरकार की ओर से सभी बड़ी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) लागू किया गया है, जिससे किसानों को उनकी फसल की लागत पर कम से कम 50 फीसदी मार्जिन मिल सके.