भारतीय चीनी मिल संघ (ISMA) ने सितंबर में समाप्त होने वाले चालू मार्केटिंग ईयर के लिए देश में चीनी उत्पादन के अपने अनुमान को 3.5 फीसदी घटाकर 328 लाख टन कर दिया है. पहले चीनी उद्योग निकाय ने 340 लाख टन चीनी के उत्पादन का अनुमान लगाया था. मार्केटिंग ईयर 2022-23 (अक्टूबर-सितंबर) में महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन 121 लाख टन के पहले के अनुमान से घटकर 105 लाख टन तक रहने के कारण कुल चीनी उत्पादन अनुमान में संशोधन किया गया है. प्रदेश में गन्ना पेराई सत्र समाप्त हो गया है. 

328 लाख टन का अनुमान कर दिया गया

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एसोसिएशन ने बुधवार को एक बयान में कहा, ‘‘एथेनॉल उत्पादन के लिए करीब 40 लाख टन गन्ना शीरे के इस्तेमाल को ध्यान में रखते हुए ISMA ने 2022-23 के लिए अपने अखिल भारतीय चीनी उत्पादन अनुमान को संशोधित कर 328 लाख टन कर दिया है.’’ जनवरी में, ISMA ने एथेनॉल के लिए 45 लाख टन गन्ना शीरे के इस्तेमाल को ध्यान में रखने के बाद 340 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान लगाया था. 

2021-22  में उत्पादन 358 लाख टन था

वर्ष 2021-22 में एथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ने के उपयोग के बाद चीनी उत्पादन 358 लाख टन रहा था. ISMA ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में पेराई सत्र लगभग 105 लाख टन पर समाप्त हो गया है, जो हमारे पहले के अनुमान से कम है. अप्रत्याशित रूप से गन्ने की कम पैदावार का कारण पेड़ी (गन्ने की कटाई के बाद नीचे का बचा हुआ हिस्सा) फसल की अधिक हिस्सेदारी और वर्षा का असमान वितरण है.’’ उत्तर प्रदेश में 2022-23 के लिए चीनी उत्पादन को पहले के अनुमानित 101 लाख टन से संशोधित कर 105 लाख टन कर दिया गया है. कर्नाटक में भी उत्पादन 2022-23 में पूर्व के 56 लाख टन के अनुमान से बढ़ाकर 57 लाख टन किया गया है. 

यूपी में चीनी का उत्पादन बढ़ा

ISMA ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि सितंबर में समाप्त मार्केटिंग ईयर 2022-23 में 15 अप्रैल तक चीनी उत्पादन छह फीसदी घटकर 311 लाख टन रह गया है, जिसका मुख्य कारण महाराष्ट्र में कम उत्पादन होना है. पिछले वर्ष की इसी अवधि में चीनी उत्पादन 328.7 लाख टन था. आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन एक अक्टूबर, 2022 से 15 अप्रैल, 2023 तक बढ़कर 96.6 लाख टन हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 94.4 लाख टन था. 

महाराष्ट्र का उत्पादन 21.5 लाख टन घटा

महाराष्ट्र का चीनी उत्पादन 126.5 लाख टन से घटकर 105 लाख टन रह गया, जबकि कर्नाटक में उत्पादन 58 लाख टन से घटकर 55.3 लाख टन रह गया. सरकार ने वर्ष 2022-23 के लिए 60 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति दी है. मार्केटिंग ईयर 2021-22 में देश ने लगभग 110 लाख टन का निर्यात किया था, जो अबतक का सबसे ऊंचा आंकड़ा है.