De-Oiled Rice Bran: खाद्य तेल उद्योग निकाय एसईए (SEA) ने सरकार से अपील की कि वह तेल रहित चावल भूसी डी-आयल्ड केक (DOC) के निर्यात पर प्रतिबंध को 31 जुलाई से आगे न बढ़ाए, क्योंकि वैकल्पिक पशु आहार की आपूर्ति बढ़ने से घरेलू कीमतों में गिरावट आई है. भारत आमतौर पर हर साल 5 से 6 लाख टन तेल रहित चावल भूसी डीओसी का निर्यात कर अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में अपनी पहचान बना रहा है. मुख्य तौर पर यह वियतनाम, थाइलैंड और अन्य एशियाई देशों को निर्यात करता है. 

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हालांकि, सरकार ने पिछले साल 28 जुलाई को पशु चारे की ऊंची कीमतों का हवाला देते हुए इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. शुरुआत में यह प्रतिबंध 31 मार्च, 2024 तक लगाया गया था और बाद में इसे 31 जुलाई तक बढ़ा दिया गया था. सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के अनुसार, तेल रहित चावल की भूसी की कीमतें अब निचले स्तर पर हैं और घुलनशील पदार्थों के साथ डिस्टिलर्स के सूखे अनाज (DDGS) की बढ़ती उपलब्धता के साथ इसमें और गिरावट आने की आशंका है. डीडीजीएस, एथेनॉल उद्योग का एक उपोत्पाद है जिसका उपयोग पशु चारे के रूप में किया जाता है.

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एसईए ने बयान में कहा, तेल रहित चावल भूसी डीओसी की कीमतों में भारी गिरावट को देखते हुए एसोसिएशन ने सरकार से प्रतिबंध को 31 जुलाई, 2024 से आगे नहीं बढ़ाने की अपील की है. इस कदम का मकसद भारतीय निर्यातकों को वैश्विक बाजारों में अपनी पैठ फिर से जमाने और बहुमूल्य विदेशी मुद्रा अर्जित करने में मदद करना है.

एसईए के आंकड़ों के अनुसार, इस साल मई में भारत से ऑयलमील का निर्यात 31% घटकर 3,02,280 टन रह गया, जो मई, 2023 में 4,36,587 टन था. सोयाबीन डीओसी निर्यात पिछले महीने बढ़कर 1,44,706 टन हो गया, जो मई, 2023 में 1,14,228 टन था, जबकि रैप-सरसों डीओसी निर्यात पहले के 2,33,663 टन से घटकर 1,33,263 टन रह गया.

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समीक्षाधीन अवधि में अरंडी डीओसी का उत्पादन भी 43,761 टन से घटकर 23,000 टन रह गया. अप्रैल-मई 2024 में डीओसी का कुल निर्यात 7,67,436 टन था, जो पिछले साल की समान अवधि के 930,045 टन से 17% कम है. इसका मुख्य कारण रैपसीड डीओसी और कैस्टरसीड डीओसी के निर्यात में कमी है.