Kharif Crop Production: वित्त वर्ष 2022-23 में खरीफ फसल के उत्पादन में कमी होने का अनुमान है. ओरिगो कमोडिटीज के ताजा अनुमान के अनुसार, क्रॉप ईयर 2022-23 के लिए भारत का कुल खरीफ फसल उत्पादन 642.67 मिलियन मीट्रिक टन (MMT) होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 1.7% कम है. ओरिगो कमोडिटीज के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट राजीव यादव के मुताबिक ओरिगो कमोडिटीज ने अपनी स्थापना के बाद पहली बार फसल वर्ष 2022-23 के लिए ओरिगो खरीफ फसल अनुमान लॉन्च करने जा रहे हैं,  ताकि सभी के सामने वास्तविक वस्तुस्थिति आ सके.

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कुल खरीफ उत्पादन में कमी का अनुमान

राजीव यादव का कहना है कि धान, मक्का, मूंगफली, अरंडी, दालें, जूट और गन्ने के उत्पादन में गिरावट के कारण कुल खरीफ उत्पादन कम होने का अनुमान है.

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कपास उत्पादन 14.2% अधिक रहने का अनुमान

ओरिगो कमोडिटीज के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट राजीव यादव के मुताबिक, कपास (Cotton) 2022-23 में कॉटन का उत्पादन 34.21 एमएमटी के पिछले अनुमान से 5.3% या 1.81 मिलियन मीट्रिक टन बढ़कर 36.02 मिलियन बेल्स (1 बेल्स= 170 Kg) होने का अनुमान है, और यह 2021-22 में 31.53 मिलियन बेल्स की तुलना में सालाना आधार पर 14.2% अधिक होने का अनुमान है. उन्होंने कहा,  हमने अपने प्रारंभिक अनुमानों से यह 1.81 मिलियन गांठों की फसल संख्या में बढ़ोतरी की है, जिनमें से महाराष्ट्र में 1.03 मिलियन गांठें और गुजरात में 0.78 मिलियन गांठें हमारे हाल के फसल दौरों के आधार पर हैं.

सोयाबीन का उत्पादन 1.2% घटने का अनुमान

यादव ने आगे कहा कि 2022-23 के लिए सोयाबीन का उत्पादन 12.48 एमएमटी के हमारे प्रारंभिक अनुमान से 1.2% (या 0.15 एमएमटी) घटकर 12.33 एमएमटी रह गया है. बेमौसम बारिश के कारण उपज में 15% की गिरावट के कारण राजस्थान में उत्पादन में 0.15 एमएमटी की कमी आई है, जिससे तैयार फसलों पर असर पड़ा है. हालांकि, सोयाबीन का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में 3.3% अधिक होने का अनुमान है.

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मक्का का उत्पादन 2.1% कम होने का अनुमान

ओरिगो कमोडिटीज के सीनियर मैनेजर रिसर्च इंद्रजीत पॉल के मुताबिक, 2022-23 के लिए मक्का का उत्पादन 21.95 एमएमटी के हमारे पिछले अनुमान से 2.9% (या 0.64 एमएमटी) कम होकर 21.31 एमएमटी हो गया है, उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में 2.1% कम है. इसका कारण अक्टूबर में भारी वर्षा के कारण मध्य प्रदेश और कर्नाटक के प्रमुख उत्पादक जिलों में कम पैदावार है, जिसके परिणामस्वरूप खड़ी फसलों को नुकसान हुआ है, जिसकी पुष्टि हमारे हालिया फसल दौरों से हुई है. हमारे प्रारंभिक अनुमानों से मध्य प्रदेश में उत्पादन में 0.59 एमएमटी और कर्नाटक में 0.06 एमएमटी की कमी आई है.

चावल का उत्पादन 2.7% बढ़ने का अनुमान

इंद्रजीत पॉल के मुताबिक, 2022-23 के लिए चावल का उत्पादन हमारे 96.68 एमएमटी के प्रारंभिक अनुमान से 2.7% (या 2.65 एमएमटी) बढ़कर 99.33 एमएमटी हो गया है. क्षेत्र में मामूली बढ़ोतरी और पैदावार में सुधार के कारण ओडिशा में उत्पादन में 1.35 एमएमटी और छत्तीसगढ़ में 0.76 एमएमटी का उछाल आया है. जबकि अक्टूबर में बारिश से खड़ी फसलों को नुकसान हुआ, जिससे खराब पैदावार के कारण हमने उत्तर प्रदेश में उत्पादन में 1.47 एमएमटी की कमी की.

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