Potato Export: किसानों के लिए अच्छी खबर, गुयाना भेजा गया एमपी का आलू, नया बाजार पाने में मिलेगी मदद
Potato Export: मध्य प्रदेश के किसान उत्पादक संगठन (FPO) से सीधे प्राप्त आलू के दो कंटेनर गुयाना को निर्यात किए गए हैं. इस तरह एक नए बाजार को एक नया उत्पाद निर्यात किया गया.
Potato Export: भारत का देसी आलू विदेशियों को पसंद आ रहा है. भारत ने पहली बार गुयाना को आलू निर्यात (Potato Export) करना शुरू किया है. यह आलू के किसानों के लिए अच्छा संकेत है. वाणिज्य मंत्रालय (Commerce Ministry) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस कदम से देश को निर्यात के लिए नए बाजार पाने में मदद मिलेगी.
वाणिज्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा, मध्य प्रदेश के किसान उत्पादक संगठन (FPO) से सीधे प्राप्त आलू के दो कंटेनर गुयाना को निर्यात किए गए हैं. इस तरह एक नए बाजार को एक नया उत्पाद निर्यात किया गया.
ये भी पढ़ें- 3 महीने में अमीर बना देगी गाजर की ये किस्में
अग्रवाल ने कहा कि जैविक उत्पादों के व्यापार को बढ़ावा देने के लिए कोरिया के साथ एक पारस्परिक समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे. समझौते पर इस साल हस्ताक्षर होने की संभावना है. उत्तर भारत के उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, झारखंड, छत्तीसगढ़, असम और ओडिशा में कुल आलू एरिया का 80% से अधिक और देश में कुल आलू क्षेत्र का लगभग 33% कवर करती है.
आलू की खेती की तैयारी
आलू की बुवाई के लिए एक गहरी जुताई मोल्डबोर्ड या डिस्क प्लाउ से करने के बाद दो या तीन हल्की जुताई डिस्क हैरों अथवा कल्टीवेटर, रोटावेटर से करना पर्याप्त होता है. प्रत्येक जुताई के बाद पाटा लगा देना चाहिए. ध्यान रहे कि खेत की मिट्टी भुरभुरी हो जाए और खरपतवार पौधों से मुक्त रहे.
ये भी पढ़ें- आज ही शुरू करें ये बिजनेस, लाखों में कमाएं, सरकार दे रही बंपर सब्सिडी
बुवाई का समय
उत्तर पूर्वी मैदानी इलाकों में आलू की बुवाई के लिए उपयुक्त समय अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से मध्य नवंबर है और विभिन्न इलाकों में आलू की बुवाई का निश्चित समय तापमान, मिट्टी की अवस्था और फसल चक्र में लगाई गई फसल आदि बातों पर निर्भर करती है.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
(भाषा इनपुट के साथ)