WTA Subsidy: भारत ने गहरे समुद्र में मछली पकड़ने की गतिविधियों में शामिल देशों के सब्सिडी देने पर सख्त नियमों के लिए डब्ल्यूटीओ (WTO) में पैरवी की है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. भारत ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) में एक दस्तावेज पेश कर इस संबंध में भारी असमानता को उजागर किया. दस्तावेज के मुताबिक, भारत प्रत्येक मछुआरे को सालाना 35 अमेरिकी डॉलर की मामूली सब्सिडी देता है, जबकि कुछ यूरोपीय देशों में प्रत्येक मछुआरे को प्रति वर्ष 76,000 अमेरिकी डॉलर तक की सब्सिडी दी जाती है.

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भारत ने यह भी सुझाव दिया कि इस तरह की सब्सिडी देने वालों को भविष्य में सब्सिडी देने के लिए मत्स्य पालन सब्सिडी समिति की अनुमति लेनी चाहिए. देश ने ये टिप्पणियां जिनेवा में चल रही नियमों (मत्स्य पालन सब्सिडी) पर वार्ता समूह की बैठकों में की हैं.

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अधिकारी ने कहा, भारत ने ऐतिहासिक मत्स्य पालन सब्सिडी देने वालों के लिए कड़े अनुशासन की वकालत की है, जो गहरे समुद्र में मछली पकड़ने (समुद्र तट से 200 समुद्री मील) में लगे हुए हैं. उन्होंने कहा कि भारत ने 25 साल के लिए सब्सिडी को रोकने के लिए कहा है.

अधिकारी ने कहा कि इन मांगों पर भारत को इंडोनेशिया और अन्य विकासशील देशों का समर्थन हासिल है.

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