India oilseed exports: चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत का तिलहन एक्सपोर्ट (Export) 10-15 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है. निर्यातकों ने बताया कि व्यापारियों को दक्षिण पूर्व एशिया, लैटिन अमेरिका और अफ्रीका से अच्छे ऑर्डर (Order) मिल रहे हैं. वित्त वर्ष 2022-23 में तिलहन निर्यात 20% से अधिक बढ़कर 1.33 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग 10,900 करोड़ रुपये) था. देश से एक्सपोर्ट किए जाने वाले मुख्य तिलहन में मूंगफली (Groundnut), तिल (Sesame), सोयाबीन (Soyabean), अरंडी (Castor) और सूरजमुखी (Sunflower) शामिल हैं.

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इंडियन ऑयलशीड्स एंड प्रोड्यूस एक्सपोर्ट प्रोमोशन (IOPEPC) के पूर्व चेयरमैन खुशवंत जैन ने कहा कि मांग अच्छी हैं और हमें इस साल भी अच्छी बढ़ोतरी की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि तिलहन का रकबा बढ़ने से इस साल पैदावार बढ़ाने में मदद मिलेगी और इसका मतलब है कि हम अधिक निर्यात कर सकेंगे. भारत के लिए प्रमुख निर्यात गंतव्य इंडोनेशिया (Indonesia), वियतनाम (Vietnam), चीन (China), मलेशिया (Malaysia), फिलीपींस (Philippines) और यूरोपीय संघ (European Union) हैं. 

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आईओपीईपीसी के चेयरमैन रुतुपर्णा डोले ने कहा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए, हमें 10-15% बढ़ोतरी की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि कुल तिलहन निर्यात में मूंगफली और तिल की हिस्सेदारी 80-85 फीसदी है. उन्होंने कहा कि कुल ख़रीफ तिलहन क्षेत्र में सोयाबीन और मूंगफली का हिस्सा क्रमशः 61% और 23% है. उन्होंने कहा कि सूरजमुखी की बुआई 19.7% और तिल की बुआई 12.4% है.

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उन्होंने कहा कि अकेले मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय तिलहन क्षेत्र का एक तिहाई (34.64%) हिस्सा है, इसके बाद महाराष्ट्र (22%), गुजरात (13.53%) राजस्थान (11.43%), कर्नाटक (5.04%), आंध्र प्रदेश (5.02%), उत्तर प्रदेश (2.66%), तेलंगाना (1.74%) और तमिलनाडु (1.21%) का स्थान है.

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