India oilmeals export: सोयाबीन डी-ऑयल्ड केक (DOC), रेपसीड डीओसी और अरंडी डीओसी के कम निर्यात के कारण पिछले महीने भारत का खाद्यतेल डीओसी निर्यात 35% घटकर 2,13,744 टन रहा. उद्योग के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल इसी महीने में निर्यात 3,30,567 टन का हुआ था. एक बयान में, सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) ने कहा कि इस साल अप्रैल-सितंबर के दौरान डीओसी का कुल निर्यात पिछले वर्ष की इसी अवधि के 22,76,120 टन की तुलना में 9% घटकर 20,82,533 टन रह गया. इसका मुख्य कारण रेपसीड डीओसी और अरंडी डीओसी के निर्यात में कमी आना है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

चालू वित्तवर्ष की पहली छमाही में, संयुक्त अरब अमीरात, ईरान और फ्रांस द्वारा अधिक आयात के कारण सोयाबीन डीओसी का निर्यात एक साल पहले के 5.86 लाख टन के मुकाबले बढ़कर 9.08 लाख टन हो गया. बांग्लादेश, दक्षिण कोरिया और थाईलैंड रेपसीड डीओसी के प्रमुख आयातक हैं.

ये भी पढ़ें- खुशखबरी! यहां MSP पर होगी मूंग और मूंगफली की खरीद, आज से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे किसान

उद्योग निकाय सोपा ने खरीफ सोयाबीन उत्पादन 125.18 लाख टन रहने का अनुमान लगाया है, जबकि पिछले साल यह अनुमान 118.74 लाख टन था. सोपा (SOPA) ने सरकार के 127.13 लाख हेक्टेयर के अनुमान से कम 118.3 लाख हेक्टेयर बुवाई क्षेत्र की सूचना दी है.

कपास निर्यात 2023-24 में दोगुना होकर 28.50 लाख गांठ होने रहने की उम्मीद

वैश्विक बाजार में भारतीय कपास की औसत कीमतें कम होने की वजह से,कपास निर्यात वर्ष 2023-24 सत्र में लगभग दोगुना होकर 28.50 लाख गांठ रहने की उम्मीद है/ पिछले फसल वर्ष 2022-23 में यह निर्यात 15.50 लाख गांठ का रहा था. भारतीय कपास संघ (CAI) ने यह जानकारी दी. सीएआई के अध्यक्ष अतुल एस गनात्रा ने वैश्विक बाजार की तुलना में फरवरी-मार्च के दौरान भारतीय कपास की दर काफी कम थी. इस अवधि के दौरान पड़ोसी देश बांग्लादेश को 20 लाख गांठ सहित निर्यात कहीं अधिक हुआ. उन्होंने कहा कि एक अक्टूबर से शुरू हो रहे चालू सत्र में कपास का औसत भाव 57,500 रुपये प्रति कैंडी है, जबकि पिछले साल यह भाव 62,500 रुपये प्रति कैंडी था.

ये भी पढ़ें- दिवाली से पहले सस्ते में घर खरीदने का शानदार मौका, ये PSU बैंक कर रहा नीलामी

इस बीच, सीएआई फसल समिति के वर्ष 2023-24 सत्र के लिए अनुमानित कुल उत्पादन 325.29 लाख गांठ रहा, जबकि पिछले सत्र में यह उत्पादन 318.90 लाख गांठ का हुआ था. कपास का आयात अब पिछले अनुमान से 1.10 लाख गांठ अधिक रहने का अनुमान है. सीएआई ने अपने घरेलू खपत अनुमान को 4 लाख गांठ घटाकर 313 लाख गांठ कर दिया है.