Maize Production: एथेनॉल (Ethanol) उत्पादन और पोल्ट्री उद्योग (Poultry Industry) के लिए अनाज की बढ़ती मांग के बीच देश के मक्का उत्पादन को अगले पांच वर्षों में बढ़ाकर 4.4-4.5 करोड़ टन करने की जरूरत है. केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण सचिव मनोज आहूजा ने उद्योग निकाय फिक्की (FICCI) द्वारा आयोजित 9वें 'भारत मक्का शिखर सम्मेलन' में यह बात कही. उन्होंने पूरी मक्का वैल्यू चेन में नुकसान को व्यवस्थित रूप से कम करने की जरूरत पर भी जोर दिया.

4.4-4.5 करोड़ टन मक्का उत्पादन बढ़ाने की जरूरत

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आहूजा ने कहा, वर्तमान में, देश में मक्का का उत्पादन 3.3-3.4 करोड़ टन की सीमा में है. हमें एथेनॉल और पोल्ट्री उद्योग की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अगले पांच वर्षों में मक्का उत्पादन को बढ़ाकर 4.4-4.5 करोड़ टन करने की जरूरत है. 

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उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरे के बीच बेहतर बीज उपलब्धता में सुधार, भंडारण और विपणन संपर्क स्थापित करने, सार्वजनिक और निजी भागीदारी बनाने पर ध्यान दिया जाना चाहिए.

प्राइवेट कंपनियों को महाराष्ट्र सरकार करेगी सपोर्ट

महाराष्ट्र के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने कार्यक्रम में कहा कि राज्य सरकार उन प्राइवेट कंपनियों का समर्थन करने को तैयार है, जो महाराष्ट्र में मक्का की वैल्यू चेन और एथेनॉल उत्पादन में निवेश करने की इच्छुक हैं.

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उत्तर प्रदेश के बाद देश में सबसे अधिक चीनी मिलें महाराष्ट्र में हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में मक्के का इस्तेमाल एथेनॉल बनाने के लिए किया जा सकता है क्योंकि इससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी. अब्दुल सत्तार ने प्राइवेट कंपनियों से राज्य में गोदाम बनाने का भी आह्वान किया, जिससे मक्का उत्पादकों को अपना स्टॉक रखने और बाद में कीमतों में बेहतर होने पर बेचने में मदद मिलेगी.

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