किसानों के लिए खुशखबरी! समुद्री मार्ग से फल, सब्जियों का होगा निर्यात, होंगे डबल फायदे, सरकार बना रही है ‘प्रोटोकॉल’
Farmers News: प्रोटोकॉल में यात्रा के समय को समझना, वैज्ञानिक रूप से इन वस्तुओं के पकने को समझना, एक विशेष समय पर कटाई करना और किसानों को प्रशिक्षण देना शामिल है. ये प्रोटोकॉल अलग-अलग फलों और सब्जियों के लिए अलग-अलग होंगे.
Farmers News: भारत समुद्री मार्ग से केले (Banana), आम (Mangoes), अनार (Pomegranates) और कटहल (Jackfruit) जैसे अलग-अलग फलों और सब्जियों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए प्रोटोकॉल तैयार कर रहा है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. फिलहाल इनमें से अधिकांश का निर्यात कम मात्रा और अलग-अलग पकने की अवधि के कारण हवाई मार्ग से हो रहा है.
क्या है प्रोटोकॉल?
प्रोटोकॉल में यात्रा के समय को समझना, वैज्ञानिक रूप से इन वस्तुओं के पकने को समझना, एक विशेष समय पर कटाई करना और किसानों को प्रशिक्षण देना शामिल है. ये प्रोटोकॉल अलग-अलग फलों और सब्जियों के लिए अलग-अलग होंगे.
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समुद्री मार्ग से निर्यात के दो फायदे
वाणिज्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि समुद्री मार्ग से निर्यात के दो फायदे (मात्रा और लागत) हैं. इससे फलों और सब्जियों के निर्यात को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी क्योंकि हवाई माल परिवहन से निर्यात का इन वस्तुओं की कीमत प्रतिस्पर्धा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
उन्होंने कहा, अबतक हम इन खराब होने वाले उत्पादों के निर्यात के लिए हवाई मार्गों का उपयोग कर रहे हैं. लेकिन अब, हम यह देखने की कोशिश कर रहे हैं कि इन कृषि उत्पादों को भेजने के लिए समुद्री मार्ग का उपयोग कैसे कर सकते हैं. अब, हमने इसके लिए समुद्री प्रोटोकॉल विकसित करना शुरू कर दिया है.
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