New Seed Varieties: भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) भारत के कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए 100 दिन की समयसीमा के भीतर 100 नई बीज किस्में और इतनी ही संख्या में फार्म टेक्नोलॉजी (Farm Technology) विकसित करने की योजना पर काम कर रही है. कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. सरकार की 100 दिन की कार्ययोजना के तहत यह पहल मुख्य रूप से फार्म टेक्नोलॉजी के अलावा जलवायु-अनुकूल और जैव-सशक्त बीज किस्मों पर केंद्रित है.

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ICAR के महानिदेशक हिमांशु पाठक ने संस्थान के 96वें स्थापना और प्रौद्योगिकी दिवस समारोह के अवसर पर संवाददाताओं से कहा, हम दो प्रमुख कार्ययोजनाओं पर सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं- '100 दिन में 100 नई बीज किस्में' और '100 दिन में 100 प्रौद्योगिकी'. पाठक ने संकेत दिया कि आईसीएआर इन नवाचारों का अनावरण करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) से समय मांग रहा है, संभवतः सितंबर के मध्य में जब 100 दिन की अवधि समाप्त हो जाएगी. 

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देशभर में 5,521 वैज्ञानिकों के अपने कार्यबल के साथ ICAR चावल, गेहूं और बागवानी सहित अलग-अलगफसलों में नई बीज किस्में विकसित कर रही है. विकास के तहत प्रौद्योगिकियां जल प्रबंधन, मशीनीकरण और पौध संरक्षण से संबंधित हैं. 

तिलहन हब को 174 जिलों तक विस्तारित करना

खेत स्तर पर आईसीएआर (ICAR) की उच्च उपज वाली बीज किस्मों की खराब पहुंच के मुद्दे को हल करते हुए पाठक ने आईसीएआर संस्थानों और कृषि विज्ञान केंद्रों में 'बीज हब' की स्थापना का जिक्र किया. उन्होंने कहा, इस साल, हम उच्च उपज वाली तिलहन और दलहन किस्मों के लिए बीज हब को प्राथमिकता दे रहे हैं. इस योजना में तिलहन हब को 174 जिलों तक विस्तारित करना और 130 जिलों में दलहन बीजों के लिए आदर्श ग्राम हब बनाना शामिल है. 

मौजूदा समारोहों के हिस्से के रूप में आईसीएआर 2023 में विकसित 40 नवीन प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन कर रहा है. पाठक ने इन नवाचारों के व्यावसायीकरण के लिए 10 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करने की योजना की घोषणा की. लगभग 100 उद्योग जगत के प्रमुख कारोबारी इस कार्यक्रम में भाग लेंगे. 

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कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) 16 जुलाई को आईसीएआर के 96वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित दो दिन के समारोह का उद्घाटन करेंगे. ICAR जिसे मूल रूप से इंपीरियल काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च के रूप में स्थापित किया गया था, 16 जुलाई, 1929 को अपनी स्थापना के बाद से ही कृषि अनुसंधान में अग्रणी रहा है. 

दीर्घकालिक रूप से, आईसीएआर ने नए उत्पादों और प्रौद्योगिकियों पर काम करने वाले वैज्ञानिकों की रूपरेखा तैयार करते हुए 5 साल की रणनीति तैयार की है. संस्थागत और मुख्यालय दोनों स्तरों पर प्रगति की निगरानी की जा रही है, जिससे कृषि नवोन्मेषण और विकास पर निरंतर ध्यान केंद्रित किया जा सके.