हिम उन्नति योजना: मछली पालन के लिए किसानों को तालाब बनाने पर मिलेगी 80% तक सब्सिडी, जानिए पूरी डीटेल
Sarkari Yojana: इसके तहत दूध, सब्जियों-फलों और अन्य नगदी फसलों के कलस्टर बनाए गए हैं. मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को तालाब बनाने पर 80% सब्सिदी दी जाएगी.
Sarkari Yojana: किसानों की खुशहाली के लिए केंद्र और राज्य सरकारें कई योजनाएं चला रही हैं. हिमाचल सरकार (Himachal Government) ने भी किसानों के हित में एक नई योजना शुरू है. इस योजना का नाम है- हिम उन्नति योजना (Him Unnati Yojana). हिमाचल सरकार ने किसानों की आय को दोगुना करने के उद्देश्य से यह योजना शुरू की है. इस योजना के तहत प्रदेश में एकीकृत एवं समग्र कृषि गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है.
क्या है हिम उन्नति योजना?
हिम उन्नति योजना (Him Unnati Yojana) की शुरुआत अप्रैल 2023 में हुई है. इस योजना के तहत कृषि और उससे संबंधित क्षेत्र के समेकित विकास करने के लिए न्यूनतम 40 बीघा खेती योग्य क्षेत्र वाले 1239 क्लस्टर्स की पहचान की गई है. इस योजना के तहत अलग-अलग साझेदारों द्वारा कुल 2600 क्लस्टर बनाए जाएंगे. चालू वित्त वर्ष में योजना के तहत 25 करोड़ रुपये का बजट का प्रावधान किया गया है.
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हिम उन्नति योजना की खासियतें-
- इसके तहत दूध, सब्जियों-फलों और अन्य नगदी फसलों के कलस्टर बनाए गए हैं.
- हिमाचल कृषि अभियांत्रिकी उप-मिशन के तहत ट्रैक्टर, पावर वीडर जैसे कृषि उपकरण पर अनुदान के लिए डी.बी.टी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराएं.
- मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को तालाब बनाने पर 80% सब्सिदी दी जाएगी.
- कृषि-बागवानी योग्य भूमि के नुकसान पर मुआवजे को 3,615 रुपये प्रति बीघा से बढ़ाकर 10 हजार रुपये किया गया है.
मछली पालन के लिए 80% सब्सिडी
हिमाचल सरकार 'हिम उन्नति योजना' के तहत मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए 80% सब्सिडी दे रही है. इसके तहत मछली पालन के लिए तालाब के निर्माण पर मछली पालक या किसान को 80 फीसदी अनुदान मिलेगा.
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हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान है. प्रदेश के 90 फीसदी लोग ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं और 70 फीसदी लोग सीधे तौर पर कृषि पर निर्भर हैं. हिमाचल सरकार, राज्य में उगाई जाने वाली अलग-अलग फसलों की उत्पादकता का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए ग्रेडिंग, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, भंडारण और कोल्ड स्टोरेज जैसी सुविधाओं के माध्यम से इन फसलों की गुणवत्ता स्वाद और पोषण मूल्य को बढ़ाकर वैल्यूएडिशन पर ध्यान फोकस कर रही है.
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