Rice Export: सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल पर 490 डॉलर प्रति टन का MEP लगाया
Rice Export: सरकार ने शनिवार को गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध को हटा दिया. हालांकि इस पर 490 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) लगाया गया है.
Rice Export: सरकार ने शनिवार को गैर-बासमती सफेद चावल (Non-Basmati White Rice) के निर्यात पर प्रतिबंध को हटा दिया. हालांकि इस पर 490 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) लगाया गया है. घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए 20 जुलाई, 2023 को गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर पाबंदी लगायी गयी थी.
विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने एक अधिसूचना में कहा, गैर-बासमती सफेद चावल के लिए निर्यात नीति को संशोधित किया गया है. इसके तहत इसे निषेध से मुक्त श्रेणी में कर दिया गया है. लेकिन इसके लिए 490 डॉलर प्रति टन न्यूनतम निर्यात मूल्य लगाया गया है. यह तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है.
ये भी पढ़ें- आप भी खाते हैं इस मशहूर ब्रांड का बासमती चावल तो सावधान, किडनी और लिवर पर पड़ सकता है असर
उबले चावल पर एक्सपोर्ट ड्यूटी में बड़ी कटौती
इस बीच, शुक्रवार को सरकार ने उबले चावल (Parboiled Rice) पर निर्यात शुल्क 20% से घटाकर 10% करने की घोषणा की. यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब दुनिया के सबसे बड़े चावल निर्यातक के पास भंडार बढ़ गया है, क्योंकि किसान आने वाले हफ्तों में नई फसल की कटाई की तैयारी कर रहे हैं. निर्यात शुल्क में कमी से भारत के निर्यात मूल्यों में कमी आने, शिपमेंट की मात्रा में बढ़ोतरी होने और थाईलैंड, वियतनाम, पाकिस्तान और म्यांमार जैसे प्रतिस्पर्धी देशों को भी अपने मूल्यों में कमी करने के लिए बाध्य होने की उम्मीद है.
2023 में, भारत ने सामान्य से कम बारिश से फसल को हुए नुकसान के कारण उबले चावल पर 20% निर्यात शुल्क लगाया. सरकार ने हाल ही में भूरे और छिलके वाले चावल पर निर्यात शुल्क को घटाकर 10% करने की घोषणा की है, जो तत्काल प्रभाव से लागू होगा.
ये भी पढ़ें- PM Kisan 18th Installment: लाभार्थी किसान सावधान! ये दो चीजें भूले तो लिस्ट से हट जाएगा नाम, नहीं मिलेंगे ₹2000
इसके अलावा, सफेद चावल पर निर्यात शुल्क शून्य कर दिया गया है; हालांकि, सरकार ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि निजी व्यापारियों को निर्यात की अनुमति होगी या व्यापार सरकार-से-सरकार समझौतों तक ही सीमित रहेगा.