सरकार की बड़ी पहल! सामूहिक नलकूप योजना से दूर होगी सिंचाई की समस्या, ऐसे फायदा उठाएं किसान
Farming News: सामुदायिक नलकूप का लाभ लेने के लिए कम से कम दो किसानों को समूह में खेती करनी है. इसके लिए कम से कम आधा एकड़ खेती योग्य जमीन का कलस्टर तैयार करना होगा.
Farming News: सिंचाई की समस्या को दूर करने के लिए सरकार ने किसानों को समूह में नलकूप देने की योजना बनाई है. ऐसे में लघु और सीमांत किसानों के खेतों में आसानी से पानी पहुंचे इसके लिए सरकार सात निश्चय दो के तहत सूक्ष्म सिंचाई के लिए सामूहिक नलकूप योजना चलाई है. इस योजना के तहत कम से कम दो किसानों (Farmers) का समूह बनाना होगा. इन किसानों के पास कम से कम आधा एकड़ जमीन होनी चाहिए.
बिहार कृषि विभाग के मुताबिक, इस समूह को विभाग 80 फीसदी अनुदान पर बोरिंग के साथ-साथ मिनी स्प्रिंकल भी उपलब्ध कराया जाएगा. योजना के तहत जिला को इस वित्तीय वर्ष आठ समूह का लक्ष्य प्राप्त हुआ है. इसमें दो समूह अनुसूचित जाति और 6 सामान्य वर्ग के लिए चिह्नित है. फिलहाल विभाग द्वारा किसानों से आवेदन लिए जा रहे हैं. इस योजना का लाभ जिला उद्यान विभाग की देखरेख में दिया जाना है.
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ड्रिप या मिनी स्प्रिंकलर तकनीक का इस्तेमाल
सामुदायिक नलकूप का लाभ लेने के लिए कम से कम दो किसानों को समूह में खेती करनी है. इसके लिए कम से कम आधा एकड़ खेती योग्य जमीन का कलस्टर तैयार करना होगा, इन किसानों को अपनी पसंद की खेती के लिए पटवन के लिए ड्रिप या मिनी स्प्रिंकलर तकनीक का भी लाभ दिया जाएगा.
सामुदायिक नकलूप योजना का फायदा उन्हीं किसानों को मिलेगा जो ड्रिप या मिनी स्प्रिंकलर तकनीक का उपयोग करेंगे. ड्रिप या मिनी स्प्रिंकलर पाइप बिछाने में किसानों को लागत का 80 फीसदी अनुदान दिया जाएगा. इस योजना का फायदा लेने के लिए किसानों को विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन देना होगा.
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कम जमीन वाले किसानों को फायदा
किसानों को कम पानी खर्च कर बेहतर सिंचाई मुहैया कराने को लेकर इस योजना से फायदा देने का फैसला लिया गया है. सामुदायिक नलकूप योजना भी इस दिशा में की गई पहल है. इसमें कम जमीन वाले किसान भी लाभान्वित होंगे और अपनी मनपसंद की खेती कर सकेंगे.
इसके अलावा सिंचाई को और आसान बनाने के लिए सरकार द्वारा कई तरह की योजनाएं संचालित की जा रही है. इन्हीं में से एक प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना है जिले में संचालित की जा रही है. इस योजना के तहत लघु और सीमांत और अन्य किसानों के लिए अलग-अलग अनुदान की राशि तय की गई है. कृषि विभाग के मुताबिक, एक हेक्टेयर ड्रिप सिंचाई के लिए किसानों को लघु और सीमांत किसानों को 80 फीसदी और अन्य किसानों 70 फीसदी का अनुदान दिया जा रहा है.
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मिनी स्प्रिंकलर के एक हेक्टेयर के लिए लघु और सीमांत किसानों को 80 फीसदी और अन्य किसानों को 70 फीसदी और पोर्टेबल स्प्रिंकल के लिए लघु और सीमांत किसानों को 55 और अन्य किसानों को 45 फीसदी अनुदान देने की व्यवस्था की गई है. फिलहाल इन सभी योजनाओं के लिए 275 हेक्टेयर का लक्ष्य प्राप्त हुआ है इनमें से 105 हेक्टेयर के लिए किसानों का आवेदन विभाग को मिला है.