145 देशों में होता है इस मछली का उत्पादन, भारत में बढ़ावा देने के लिए सरकार ने उठाया ये कदम
Tilapia fish production: देश के समुद्री उत्पादों का निर्यात दोगुना करने के लिए Tilapia Fish पर बड़ा दांव लगाते हुए सरकार ने उद्योग जगत से पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के तहत हैचरी (Hatcheries) बनाने को कहा है.
Tilapia fish production: मछलीपालन करने वालों के लिए बड़ी खबर है. देश में तिलापिया मछली (Tilapia Fish) का उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार ने कदम उठाया है. देश के समुद्री उत्पादों का निर्यात दोगुना करने के लिए Tilapia Fish पर बड़ा दांव लगाते हुए सरकार ने उद्योग जगत से पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के तहत हैचरी (Hatcheries) बनाने को कहा है ताकि इन मछलियों के क्वालिटी सीड्स की उपलब्धता सुनिश्चित हो और उत्पादन बढ़े.
बता दें कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश है, लेकिन तिलापिया का उत्पादन 1 लाख टन के वार्षिक उत्पादन के साथ अपनी शुरुआती अवस्था में है. तिलापिया मछलीपालन का काम 145 देशों में किया जाता है. बता दें कि तिलापिया मछली पोषण और स्वाद से भरपूर एक खास मछली है. इसे Aquatic Chicken भी कहा जाता है. भारत में भी तिलापिया मछली का पालन किया जाता है. यह मछली लो-फैट होने के है साथ-साथ मिनरल व विटामिन से भरपूर होती है. इस लिहाज से यह सेहत के लिए फायदेमंद है.
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मत्स्य पालन सचिव जतिंद्र नाथ स्वाई ने भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के एक कार्यक्रम में कहा, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana) के तहत तिलापिया मछली के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए संसाधन हैं. योजना तीन साल के लिए है.
सरकार करेगी सपोर्ट
सचिव ने कहा कि Tilapia Fish के उत्पादन को बढ़ावा देने में क्वालिटी सीड्स महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. उन्होंने कहा कि अगर कोई उद्योग मछुआरों को गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराने के लिए एक मॉडल तैयार करे तो सरकार उसे समर्थन देने के लिए तैयार है.
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उन्होंने उद्योग से पूछा कि क्या पीपीपी मोड पर तिलापिया हैचरी स्थापित की जा सकती है? सरकार तीन साल के लिए खरीद समर्थन दे सकती है और फिर वापस ले सकती है. यह काफी हद तक निजी क्षेत्र द्वारा किए गए निवेश की रक्षा करेगा.
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पिछले वित्त वर्ष में देश का समुद्री निर्यात 30% (7.76 अरब रुपए) बढ़ा, जो कोविड महामारी के कारण एक असाधारण वर्ष था, लेकिन निर्यात 2022-23 वित्त वर्ष में समान स्तर पर नहीं पहुंचेगा.