Ethanol Production: एथेनॉल उत्पादन के लिए सरकार बड़ा फैसला ले सकती है. सरकार एथेनॉल उत्पादन के लिए अतिरिक्त शुगर का इस्तेमाल पर विचार कर सकती है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार का 8 लाख अतिरिक्त चीनी (Sugar) के इस्तेमाल पर विचार संभव है.  बता दें कि पिछले साल ही चीनी का उत्पादन घटने का अनुमान देखते हुए सरकार ने एथेनॉल के उत्पादन के लिए चीनी के इस्तेमाल पर सीमा लगा दी थी ताकि बाजार में चीनी की आपूर्ति बनाई रखी जा सके.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सरकार का पेट्रोल (Petrol) के साथ एथेनॉल मिश्रण (EBP) कार्यक्रम काफी सफल रहा है और इसने चीनी क्षेत्र को संकट से बाहर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. देश में चीनी/शीरे से एथेनॉल उत्पादन (Ethanol Production) क्षमता 900 करोड़ लीटर से अधिक हो गई है, जो 10 साल पहले की क्षमता से चार गुना अधिक है. 10 साल पहले 12% एथेनॉल मिश्रण की उपलब्धि अकल्पनीय थी, केवल 1.5% मिश्रण के साथ भारत एथेनॉल उत्पादन और पेट्रोल में मिश्रण में शीर्ष देशों में शामिल हो गया. भारत वर्ष 2025 में 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण हासिल करने के लिए तैयार है.

ये भी पढ़ें- Sugarcane Cultivation: गन्ने की खेती से पहले जान लें बुवाई के ये 3 तरीके, होगी ताबड़तोड़ कमाई

गन्ने की अनुमान से बेहतर पैदावार की उम्मीद

इस्मा ने सितंबर में समाप्त होने वाले मार्केटिंग ईयर में चीनी (Sugar) के सकल उत्पादन के अपने अनुमान को 9.5 लाख टन बढ़ाकर 340 लाख टन कर दिया. पिछले वर्ष कुल चीनी उत्पादन 366.2 लाख टन था. बेहतर पैदावार की उम्मीद के चलते फैसला संभव है. एथेनॉल उत्पादन के लिए पहले से 17 लाख टन शुगर का आवंटन है.

पिछले महीने, केंद्र सरकार ने अक्टूबर, 2024 से शुरू होने वाले 2024-25 सत्र के लिए उचित और लाभकारी मूल्य FRP (गन्ना उत्पादकों को मिलों द्वारा दी जाने वाली न्यूनतम कीमत) को 25 रुपये बढ़ाकर 340 रुपये प्रति क्विंटल करने का फैसला किया था. 

ये भी पढ़ें- ये खेती 80 दिनों में किसानों को बना देगी मालामाल, कम लागत में मिलेगा तगड़ा मुनाफा