त्योहारी सीजन से पहले खाने के तेल के बढ़े दाम, सरकार ने कंपनियों से मांगी सफाई
Edible Oil Price: इंडस्ट्री से स्पष्टीकरण देने और कारण बताने के लिए कहा गया है कि आने वाले त्योहारों के दौरान खुदरा कीमतों को नरम बनाए रखने के सरकार के निर्देशों के बावजूद आयात शुल्क बढ़ोतरी की घोषणा के बाद से कीमतों में बढ़ोतरी का रुख क्यों दिख रहा है.
Edible Oil Price: सरकार ने खाद्य तेल कंपनियों से खान के तेलों की खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी के लिए स्पष्टीकरण मांगा. इन तेल कंपनियों को कम आयात शुल्क (Import Duty) पर आयातित खाद्य तेलों की पर्याप्त स्टॉक की उपलब्धता के बीच कीमत स्थिरता सुनिश्चित करने की सलाह दी गयी थी. इसके बावजूद कीमतों में बढ़ोतरी का रुख है.
बता दें कि केंद्र ने 14 सितंबर को, घरेलू तिलहन कीमतों का समर्थन करने के लिए अलग-अलग खाद्य तेलों के बेसिक कस्टम ड्यूटी (BCD) में बढ़ोतरी की और इसके बाद 17 सितंबर को खाद्य मंत्रालय ने यह सुनिश्चित करने के लिए खाद्य तेल उद्योग निकायों के साथ एक बैठक बुलाई कि खुदरा कीमतों में कोई बढ़ोतरी न हो.
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सरकार के निर्देशों के बावजूद कीमतों में बढ़ोतरी
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, इंडस्ट्री से स्पष्टीकरण देने और कारण बताने के लिए कहा गया है कि आने वाले त्योहारों के दौरान खुदरा कीमतों को नरम बनाए रखने के सरकार के निर्देशों के बावजूद आयात शुल्क बढ़ोतरी की घोषणा के बाद से कीमतों में बढ़ोतरी का रुख क्यों दिख रहा है. मंत्रालय का कहना है कि कम शुल्क पर आयातित स्टॉक आसानी से 45-50 दिनों तक चल सकता है और इसलिए प्रोसेसर्स को अधिकतम खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी से बचना चाहिए. साथ ही, कीमतों में बढ़ोतरी ऐसे समय में हुई है जब त्योहार नजदीक है और मांग बढ़ेगी.
कस्टम ड्यूटी में बढ़ोतरी
कच्चे सोयाबीन तेल, कच्चे पाम तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर मूल सीमा शुल्क को शून्य से बढ़ाकर 20% कर दिया गया है, जिससे कच्चे तेलों पर प्रभावी शुल्क 27.5% हो गया है. नया शुल्क 14 सितंबर, 2024 से प्रभावी है. इसके अलावा, रिफाइंड पाम तेल, रिफाइंड सूरजमुखी तेल और रिफाइंड सोयाबीन तेल पर मूल सीमा शुल्क 12.5% से बढ़ाकर 32.5% कर दिया गया है, जिससे रिफाइंड तेलों पर प्रभावी शुल्क 35.75% हो गया है.
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मंगलवार को खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने मूल्य निर्धारण रणनीति पर चर्चा करने के लिए सॉल्वेंट एक्सट्रैक्शन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA), इंडियन वेजिटेबल ऑयल प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (IBPA) और सोयाबीन ऑयल प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (SOPA) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की.
आयातित खाद्य तेलों का करीब 30 लाख टन स्टॉक
एक सरकारी बयान में कहा गया था, प्रमुख खाद्य तेल संघों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है कि जीरो फीसदी और 12.5% बेसिक कस्टम ड्यूटी (BCD) पर आयातित खाद्य तेल स्टॉक की उपलब्धता तक तेल की कीमत नरम रखी जाए और अपने सदस्यों के साथ इस मुद्दे को तुरंत उठाया जाए. इसमें कहा गया है, केंद्र सरकार को यह भी पता है कि कम शुल्क पर आयातित खाद्य तेलों का करीब 30 लाख टन स्टॉक है जो 45 से 50 दिनों की घरेलू खपत के लिए पर्याप्त है. घरेलू मांग को पूरा करने के लिए भारत बड़ी मात्रा में खाद्य तेलों का आयात करता है. आयात पर निर्भरता कुल आवश्यकता का 50% से अधिक की है.