Drone Pilot: एग्री सेक्टर में ड्रोन से छिड़काव के बढ़ते चलन से ड्रोन पायलट (Drone Pilot) की मांग बढ़ी है. युवा अब ड्रोन पायलट को करियर के रूप में देखने लगे हैं. कृषि की बदलती व्यवस्था में युवतियां भी तेजी से इसे के साथ अपना रही हैं. ड्रोन पायलट की मांग को देखते हुए हरियाणा सरकार ने ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग दे रही है. हरियाणा के इकलौते सरकारी आरटीपीओ से अब तक 100 युवा ट्रेनिंग ले चुके हैं, जिसमें 20 युवतियां हैं.

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हरियाणा में दृष्टया की ओर से संचालित रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन (RPTO) में युवाओं को ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग दी जा रही है. हरियाणा सरकार के कृषि व किसान कल्याण विभाग की ओर से राज्य के 500 युवा किसानों को फ्री में ट्रेनिंग देने का फैसला किया गया है.

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कौन उड़ा सकता है ड्रोन (Drone)

ड्रोन उड़ाने के लिए किसानों को विमानन पतन निदेशालय (DGCA) से अधिकृत आरपीटीओ से ट्रेनिंग लेना अनिवार्य है. करनाल के फूसगढ़ में सरकारी आरपीटीओ है, जहां देश से किसी भी हिस्से का व्यक्ति ट्रेनिंग ले सकता है. उसकी उम्र 18 से 65 साल के बीच होनी चाहिए. मैट्रिक पास का सर्टिफिकेट, पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस हो, आधार कार्ड के साथ फिटनेस सर्टिफिकेट भी होना चाहिए.

ड्रोन से छिड़काव के फायदे

  • ड्रोन से खाद और दवाइयों के छिड़काव के कई फायदे हैं.
  • इससे मैपिंग के आधार पर पूरे खेत में एक समान छिड़काव होता है. 
  • बेहद कम समय में काम हो जाता है.

पासपोर्ट की अनिवार्यता खत्म

किसानों को आ रही दिक्कत को देखते हुए केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर ड्रोन ट्रेनिंग के लिए अनिवार्य पासपोर्ट होने की शर्त को हटा दिया है. जिससे अब ड्रोन ट्रेनिंग के लिए युवाओं को आसानी होगी.

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ड्रोन खरीद पर सब्सिडी

ड्रोन की खरीज पर 80 फीसदी तक सब्सिडी देने की तैयारी है. ड्रोन की कीमत करीब 10 लाख रुपये है, जिससे किसान से सिर्फ 2 लाख  लिए जाएंगे, 8 लाख रुपये सरकार देगी.