इस साल अबतक 306 लाख टन हुई सरकारी धान की खरीद, उत्पादन 6% घटने का अनुमान
Paddy Procurement: पंजाब, हरियाणा, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना से अधिक मात्रा में धान खरीदा गया है. आमतौर पर धान की खरीद अक्टूबर से दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी के बाद शुरू होती है. हालांकि, दक्षिणी राज्यों में, विशेषकर केरल और तमिलनाडु में यह काम सितंबर से शुरू होता है.
Paddy Procurement: केंद्रीय पूल के लिए सरकार की धान खरीद मौजूदा खरीफ मार्केटिंग सीजन 2022-23 में अब तक 9% बढ़कर 306.06 लाख टन हो गई है. खाद्य मंत्रालय के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है. पंजाब, हरियाणा, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना से अधिक मात्रा में धान खरीदा गया है. आमतौर पर धान की खरीद अक्टूबर से दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी के बाद शुरू होती है. हालांकि, दक्षिणी राज्यों में, विशेषकर केरल और तमिलनाडु में यह काम सितंबर से शुरू होता है.
सरकार का लक्ष्य खरीफ मार्केटिंग सीजन 2022-23 (अक्टूबर-सितंबर) में 775.72 लाख टन धान खरीद का है. पिछले खरीफ विपणन सत्र में वास्तविक खरीद रिकॉर्ड 759.32 लाख टन हुई थी. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, खरीफ मार्केटिंग सीजन 2022-23 में 27 नवंबर तक कुल धान खरीद बढ़कर 306.06 लाख टन हो गई है, जो एक साल पहले की समान अवधि में 280.51 लाख टन थी.
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पंजाब में धान की खरीद 2.76% घटी
पंजाब में धान की खरीद इस मार्केटिंग ईयर में अबतक 2.76% घटकर 181.62 लाख टन रह गई है, जो कि साल भर पहले की इसी अवधि में 186.79 लाख टन थी. हरियाणा में धान की खरीद 8.18% बढ़कर 58.96 लाख हो गई है जो पिछले साल इस दौरान 54.50 लाख टन रही थी. आंकड़ों से पता चलता है कि छत्तीसगढ़ में इस साल अबतक 16.88 लाख टन धान खरीदा जा चुका है, जबकि पिछले साल इस अवधि के दौरान धान की खरीद शुरू भी नहीं हुई थी.
तेलंगाना-यूपी में धान की खरीद बढ़ी
तेलंगाना में धान की खरीद इस साल अबतक 16.18 लाख टन रही है, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 10.94 लाख टन थी. इसी तरह उत्तर प्रदेश में उक्त अवधि में धान की खरीद पहले के 9.20 लाख टन से बढ़कर 10.28 लाख टन हो गई है. धान की खरीद सरकारी स्वामित्व वाले भारतीय खाद्य निगम (FCI) और निजी एजेंसियों दोनों द्वारा की जाती है. किसानों से सीधे न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद की जाती है और कई कल्याणकारी योजनाओं के तहत मांग को पूरा करने के लिए इनका उपयोग किया जाता है.
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धान खरीफ (गर्मी) और रबी (सर्दियों) दोनों मौसमों में उगाया जाता है, लेकिन देश के कुल धान उत्पादन का 80% हिस्सा खरीफ सीजन से आता है. कृषि मंत्रालय के पहले अनुमान के अनुसार, देश का धान उत्पादन खरीफ सत्र 2022-23 में 6% घटकर 10 करोड़ 49.9 लाख टन रहने का अनुमान है, जिसका मुख्य कारण उत्पादक राज्यों विशेषकर झारखंड में कमजोर बारिश के मद्देनजर धान के रकबे का कम होना है.
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