किसानों और निर्यातकों को बड़ी राहत, सरकार ने Basmati Export का MEP घटाया, जानिए नए रेट्स
Basmati Rice MEP: बता दें कि सरकार ने 27 अगस्त को प्रीमियम बासमती चावल की आड़ में सफेद गैर-बासमती चावल के अवैध एक्सपोर्ट पर रोक लगाने के लिए 1200 डॉलर प्रति टन से कम मूल्य वाले बासमती चावलके एक्सपोर्ट की अनुमति नहीं देने का फैसला किया था.
Basmati Rice MEP: सरकार ने बासमती चावल (Basmati Rice) के निर्यातकों को बड़ी राहत दी है. बासमती चावल की अधिक कीमत के कारण इसका एक्सपोर्ट प्रभावित होने की चिंताओं के बीच सरकार ने बासमती चावल एक्सपोर्ट (Basmati Rice Export) के लिए मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस (MEP) 1,200 डॉलर प्रति टन से घटाकर 950 डॉलर प्रति टन कर दिया है.
एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट ऑथोरिटी (APEDA) को भेजे एक पत्र में वाणिज्य मंत्रालय (Commerce Ministry) ने कहा है कि बासमती चावल के निर्यात के लिए कॉन्ट्रैक्ट रजिस्ट्रेशन के लिए प्राइस लिमिट को 1,200 डॉलर प्रति टन से संशोधित कर 950 डॉलर प्रति टन करने का फैसला लिया गया है. इसके साथ ही एपीडा (APEDA) को केवल उन्हीं कॉन्ट्रैक्ट्स को रजिस्ट्रेशन करने का निर्देश दिया गया है जिनकी कीमत 950 डॉलर प्रति टन और उससे अधिक है.
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इस वजह से लगा था बैन
आपको बता दें कि सरकार ने 27 अगस्त को प्रीमियम बासमती चावल (Premium Basmati Rice) की आड़ में सफेद गैर-बासमती चावल ( White Non-Basmati Rice) के अवैध एक्सपोर्ट पर रोक लगाने के लिए 1,200 डॉलर प्रति टन से कम मूल्य वाले बासमती चावल (Basmati Rice) के एक्सपोर्ट की अनुमति नहीं देने का फैसला किया था.
कीमत के हिसाब से वित्त वर्ष 2022-23 में भारत का बासमती चावल का कुल निर्यात 4.8 अरब डॉलर का रहा, जबकि मात्रा के हिसाब से यह 45.6 लाख टन था. चावल निर्यातक संघ पिछले दो महीनों से इस बेस प्राइस में कटौती की मांग कर रहे थे. उनका कहना था कि पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों से कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण भारत अपना निर्यात बाजार खो रहा है.
उनका यह तर्क भी रहा है कि पिछले दो-तीन वर्षों में भारत की औसत निर्यात प्राप्ति 800-900 डॉलर प्रति टन रही है. इन मांगों के बीच खाद्य मंत्रालय ने 15 अक्टूबर को कहा था कि सरकार आधार मूल्य कम करने की उद्योग की मांग पर विचार कर रही है.
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निर्यातकों और किसानों के लिए बड़ी राहत
अंतिम अनुमान के अनुसार, चावल का उत्पादन वर्ष 2022-23 में रिकॉर्ड 13 करोड़ 57.5 लाख टन होने का अनुमान है, जबकि इसके एक साल पहले यह उत्पादन 12 करोड़ 94.7 लाख टन था. उद्योग के अनुसार, वर्ष 2021 और वर्ष 2022 में बासमती चावल का औसत निर्यात मूल्य 850-900 डॉलर प्रति टन रहा. इस साल 1,200 डॉलर प्रति टन से नीचे के अनुबंधों को पंजीकृत नहीं करने के फैसले से पहले यह दाम लगभग 1,050 रुपये प्रति टन था.
बासमती चावल निर्यातक जीआरएम ओवरसीज (GRM Overseas) के मैनेजिंग डायरेक्टर अतुल गर्ग ने कहा कि सरकार के इस कदम से वैश्विक बाजारों में भारतीय बासमती चावल एक्सपोर्ट (Basmati Rice Export) की प्रतिस्पर्धात्मकता बहाल होगी. उन्होंने इस फैसले को निर्यातकों और किसानों के लिए बड़ी राहत बताया.
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पंजाब से राज्यसभा सदस्य विक्रमजीत सिंह साहनी ने कहा, बासमती चावल (Basmati Rice) की लगभग 40 किस्में हैं जिनकी कीमत 850-1,600 डॉलर प्रति टन तक है. बासमती चावल की निचली किस्मों का एक्सपोर्ट मार्केट में 70%योगदान है.