सरकार ने सोयाबीन खरीद के नियमों में ढील दी है. खरीफ 2024-25 सीजन में मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत सोयाबीन की खरीद में नमी की मात्रा 15% तक स्वीकार की जाएगी. कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने एक आदेश जारी कर कहा है कि किसानों की तरफ से आ रही मांग  के आधार पर यह फैसला लिया गया है.  इससे पहले सोयाबीन में नमी की मात्रा 12%  से अधिक होने पर  खरीद नहीं  की जाती थी.

15% नमी वाले सोयाबीन खरीद सकेंगी राज्य सरकारें

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सरकार द्वारा जारी नए नियमों के अनुसार, राज्य सरकारें 15% तक नमी वाले सोयाबीन की खरीद कर सकेंगी.  हालांकि, अतिरिक्त नमी के कारण होने वाले  खर्च का वहन राज्य सरकारों को  करना होगा. केंद्रीय नोडल एजेंसियां  (NAFED और NCCF) राज्य स्तरीय एजेंसियों को  नमी  की मात्रा के अनुसार समायोजित मूल्य पर भुगतान करेंगी. किसानों को  MSP का पूरा भुगतान राज्य सरकारों द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा. यह  फैसला  एक बार  के लिए  लागू  होगा  और  इसके  लिए  केंद्रीय कृषि मंत्री  की  मंजूरी  ली  गई  है.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बना मुद्दा

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सोयाबीन खरीद को मुद्दा बन रहा है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को दावा किया कि महाराष्ट्र के सोयाबीन और कपास किसान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की ‘‘किसान विरोधी’’ नीतियों के कारण हताश और निराश हैं. उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि राज्य में विपक्षी गठबंधन ‘महा विकास आघाडी’(एमवीए) की सरकार बनने के बाद उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा. 

राहुल गांधी ने लिखा था सोशल मीडिया पर पोस्ट

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया मंच ‘X’ पर जारी पोस्ट में कहा, ‘सोयाबीन की कीमतें 2021 में 10,000 रुपये तक थीं लेकिन अब किसान एमएसपी से भी कम दाम में बेचने को मजबूर हैं। सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4,892 रुपये है लेकिन किसानों को 4,200 रुपये के आसपास या उससे भी कम पर बेचना पड़ रहा है. कई किसानों को तो और भी कम कीमत मिल रही है. अच्छी उपज के बावजूद सही दाम नहीं मिलने से सोयाबीन के किसान बेहद परेशान हैं.’