Fish Farming: मछली पालकों के लिए बड़ा अपडेट, बेहतर कमाई के लिए इस महीने करें ये काम
Fish Farming: मछली उत्पादन को बढ़ाने के लिए समय-समय पर सरकार द्वारा विशेष सलाह जारी की जाती है. इसकी कड़ी में, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार ने मछली पालकों के लिए सितंबर महीने में किए जाने वाले काम के लिए एडवाइजरी जारी की है.
Fish Farming: ग्रामीण क्षेत्रों में मछली पालन (Fish Farming) कमाई का बढ़िया स्रोत बना है. मछली उत्पादन को बढ़ाने के लिए समय-समय पर सरकार द्वारा विशेष सलाह जारी की जाती है. इसकी कड़ी में, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार ने मछली पालकों के लिए सितंबर महीने में किए जाने वाले काम के लिए एडवाइजरी जारी की है.
मछली पालक सरकार की इस विशेष सलाह को अपनाकर मछली का उत्पादन बढ़ा सकते हैं. मत्स्य बीज उत्पादकों को सितंबर महीने के पहले हफ्ते के बाद स्पॉन उत्पादन का काम बंद कर देना चाहिए. आइए जानते हैं इस महीने मछलियों को क्या खिलाना चाहिए, पानी को साफ कैसे रखना है और रोगों की रोकथाम के लिए क्या करें.
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मछली को खिलाएं पूरक आहार
मत्स्य बीज उत्पादकों को सितंबर महीने के पहले हफ्ते के बाद स्पॉन उत्पादन का काम बंद कर देना चाहिए. पंगेशियस मछली का पालन करने वाले किसानों को पूरक आहार प्रबंधन के लिए मछली के कुल औसत वजन के हिसाब से 6 महीने की पालन अवधि में क्रमश: 6%, 5%, 4%, 3%, 2% और 1.5% पहले माह से छठे माह तक पूरक आहार देना चाहिए.
पालन अवधि में मछली के औसर वजन के हिसाब से पहले 2 महीने 32% प्रोटीन युक्त आहार अगले दो महात 28% प्रोटीनयुक्त आहार पांचवें महीने में 25% प्रोटीन युक्त आहार और छठे महीने में 20% प्रोटीनयुक्त आहार प्राथमिकता के आधार पर इस्तेमाल करें. मौसम का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से कम और 36 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा होने पर पूरक आहार का प्रयोग आधा कर देना चाहिए.
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तालाब का पानी हरा होने पर क्या करें?
तालाब का पानी ज्यादा हरा हो जाने पर रासायनिक उर्वरक और चूना का प्रयोग एक महीने तक बंद कर देना चाहिए. इसके बाद भी अगर हरापन नियंत्रित नहीं हो तो दोपहर के समय 800 ग्राम कॉपर सल्फेट या 250 ग्राम एट्राजीन (50%) प्रति एकड़ की दर से 100 लीटर पानी में घोलकर तालाब में छिड़काव करना चाहिए.
तालाब में घुलनशील ऑक्सीजन की मात्रा कम होने पर शाम और सुबह 2 घंटा एयरेटर चलाएं या पंप से तालाब के पानी को ही तालाब में फैलाकर डाले या पोटेशियम परमैंगनेट 1 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से घोल कर छिड़काव करें.
नर्सरी तालाब में अधिक रासायनिक खाद का इस्तेमाल नहीं करें.
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मछली की जल्द बढ़वार के लिए फीड सप्लीमेंट के रूप में प्रति किलोग्राम पूरक आहार में 10 ग्राम सूक्ष्म खनिज तत्व (मिनरल मिक्सचर), 2-5 ग्राम गट प्रोबायोटिक्स को वनस्पति तेल या बाजार में उपलब्ध कोई भी बाईडर 30 ml प्रति किलोग्राम भोजन में मिलाकर प्रतिदिन खिलाना चाहिए.
संक्रमण से बचाने के लिए करें ये उपाय
मछली को संक्रमण से बचाने के लिए 15 दिन के अंतराल पर पी.एच मान के अनुसार 10-15 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से चूना घोल कर छिड़काव करें और माह में एक बार प्रति एकड़ की दर से 400 ग्राम पोटाशियम परमेग्नेट को पानी में घोलकर छिड़काव करें.
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मछली को पारासाइटिक संक्रमण से बचाने के लिए 6 महीने के फसल चक्र को दो बार और वार्षिक फसल चक्र के चार बार (2 माह पर) 40 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से नमक को पानी में घोल कर छिड़काव करें और महीने में एक हफ्ते प्रति किलोग्राम पूरक आहार में 10 ग्राम नमक मिलाकर मछलियों को खिलाएं. पंगेशियल मछली के तालाब में 2 माह पर 20 किग्रा प्रति एकड़ की दर से नमक का छिड़काव करें.
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