Wheat Auction: भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने गेहूं की नीलामी रोक दी है. एफसीआई ने सोमवार को कहा कि थोक उपभोक्ताओं, संस्थानों और राज्य सरकारों को ई-नीलामी (e-Auction) के जरिये रियायती दरों पर गेहूं की बिक्री फिलहाल रोक दी गई है क्योंकि अगले महीने से नई फसल की खरीद शुरू हो जाएगी. ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत एफसीआई ने ई-नीलामी के जरिये 15 मार्च तक 33 लाख टन गेहूं बेचा है, जिसमें से खरीदारों ने अब तक 31 लाख टन अनाज का उठाव कर लिया है. उन्हें 31 मार्च तक बाकी मात्रा उठानी है.

इस वजह से रुकी गेहूं की नीलामी

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एफसीआई के प्रबंध निदेशक अशोक के मीणा ने कहा, थोक उपभोक्ताओं के लिए गेहूं की पिछली ई-नीलामी 15 मार्च को की गई थी. नीलामी फिलहाल रोक दी गई है क्योंकि आने वाले दिनों में नई फसल की खरीद में तेजी आएगी. OMSS के तहत नाफेड (Nafed) और राज्य सरकारों जैसी संस्थाओं को गेहूं की बिक्री भी बंद कर दी गई है. उन्होंने कहा कि गेहूं की नीलामी तभी शुरू होगी जब बाजार में हस्तक्षेप की जरूरत होगी.

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गेहूं की कीमतें कम करने के लिए शुरू हुई थी नीलामी

सरकार ने जनवरी में गेहूं और गेहूं आटे की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए ओएमएसएस के तहत अपने बफर स्टॉक से खुले बाजार में गेहूं बेचने की योजना की घोषणा की थी. ओएमएसएस (OMSS) के तहत बिक्री के लिए कुल 50 लाख टन गेहूं आवंटित किया गया था. आवंटित मात्रा में से, FCI को साप्ताहिक ई-नीलामी के माध्यम से 15 मार्च तक कुल 45 लाख टन गेहूं थोक उपयोगकर्ताओं को बेचने को कहा गया था. लगभग 3 लाख टन गेहूं राज्य सरकारों के लिए और 2 लाख टन नाफेड जैसे संस्थानों के लिए इसे आटे के रूप में पीसने और फिर 27.50 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचने के लिए दिया गया था.

ओएमएसएस के तहत उचित और औसत (FAQ) क्वालिटी वाले गेहूं का रिजर्व प्राइस भी 2,150 रुपये प्रति क्विंटल की रियायती दर पर तय किया गया था, जबकि अंडर रिलैक्स्ड स्पेसिफिकेशंस (URS) गेहूं के लिए 2,125 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया था. FCI खाद्यान्न की खरीद और वितरण के लिए सरकार की नोडल एजेंसी है.

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3 करोड़ 41.5 लाख गेहूं खरीदने का लक्ष्य

सरकार का लक्ष्य अप्रैल से शुरू होने वाले मार्केटिंग ईयर 2023-24 में 3 करोड़ 41.5 लाख टन गेहूं की खरीद का है, जो पिछले वर्ष में खरीदे गए 1 लाख 87.9 लाख टन की मात्रा से अधिक है. घरेलू उत्पादन में गिरावट और उच्च निर्यात के कारण पिछले साल गेहूं की खरीद में गिरावट आई थी. हालांकि, कृषि मंत्रालय के दूसरे अनुमान के अनुसार फसल वर्ष 2023-24 (जुलाई-जून) में गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 11 करोड़ 21.8 लाख टन रहेगा.

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(भाषा इनपुट के साथ)