Economic Survey 2024: वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण ने संसद में आर्थिक समीक्षा 2023-24 पेश की. भारत के कृषि क्षेत्र में व्यापक सुधारों की जरूरत है. संसद में पेश 2023-24 की आर्थिक समीक्षा में यह बात कही गई है. समीक्षा में ऐसे संरचनात्मक मुद्दों का हवाला दिया गया है, जो देश की समग्र इकोनॉमिक ग्रोथ की राह में बाधा बन सकते हैं. 

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वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश समीक्षा में कृषि क्षेत्र के समक्ष कई प्रमुख चुनौतियों की पहचान की गई है, जिनमें खाद्य मुद्रास्फीति (Retail Inflation) को प्रबंधित करते हुए ग्रोथ को बनाए रखने की जरूरत, मूल्य खोज तंत्र में सुधार और भूमि विखंडन की समस्या का समाधान शामिल है. समीक्षा कहती है, भारत के ग्रोथ पथ में अपनी केंद्रीय भूमिका के बावजूद कृषि क्षेत्र को संरचनात्मक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिसका देश की इकोनॉमिक ग्रोथ पर प्रभाव पड़ सकता है. 

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किसानों को उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने पर जोर

समीक्षा के अनुसार, नीति निर्माताओं को किसानों को उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने और खाद्य कीमतों को स्वीकार्य सीमा के भीतर रखने के बीच एक उचित संतुलन बनाना होगा. समीक्षा में कहा गया है कि इस दोहरे उद्देश्य के लिए सावधानीपूर्वक नीतिगत दखल की जरूतत है. मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी.अनंत नागेश्वरन ने इस रिपोर्ट को तैयार किया है. इसमें रेखांकित अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों में छिपी हुई बेरोजगारी को कम करने, फसल विविधीकरण को बढ़ाने और क्षेत्र में समग्र दक्षता को बढ़ाने की जरूरत शामिल है. इन चुनौतियों से निपटने के लिए समीक्षा में बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाने का सुझाव दिया गया है.

प्रमुख सुझावों में कृषि प्रौद्योगिकी का उन्नयन, कृषि पद्धतियों में आधुनिक कौशल का अनुप्रयोग, कृषि विपणन के अवसरों में बढ़ोतरी, मूल्य स्थिरीकरण, खेती में नवाचार को अपनाना, उर्वरक, जल और अन्य सामग्रियों के उपयोग में अपव्यय को कम करना तथा कृषि-उद्योग संबंधों में सुधार करना शामिल हैं.

तकनीक और स्किल डेवलपमेंट पर जोर

समीक्षा में एग्री आउटलुक को बदलने में तकनीकी हस्तक्षेप और कौशल विकास के महत्व पर जोर दिया गया है. इसमें इस क्षेत्र की दीर्घकालिक व्यवहार्यता सुनिश्चित करने के लिए पर्यावरण अनुकूल प्रक्रियाओं की जरूरत पर भी जोर दिया गया है. समीक्षा में कहा गया है कि पिछले दशक में सरकार द्वारा किए गए नीतिगत सुधारों ने आने वाले वर्षों में सतत मध्यम से हाई ग्रोथ की नींव रखी है. 

समीक्षा के अनुसार, साल 2047 या उससे अधिक तक की एक पीढ़ी के लिए ग्रोथ को बनाए रखने के लिए और यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह लोगों के जीवन को बेहतर बनाए तथा उनकी आकांक्षाओं को पूरा करे, नीचे से ऊपर की ओर सुधार आवश्यक हैं.