मत्स्य विभाग में ड्रोन टेक्नोलॉजी का होगा इस्तेमाल, सरकार ने बनाया ये खास प्लान
drone technology program launches in bihar to improve fisheries sector
Fisheries: केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन, डेयरी और पंचायती राज मंत्री ललन सिंह ने मत्स्य विभाग में ड्रोन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल की सराहना की. ललन सिंह ने पटना में 'ड्रोन प्रौद्योगिकियों के अनुप्रयोग और प्रदर्शन' विषय पर आयोजित एक कार्यशाला के तकनीकी सत्र को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने मत्स्य पालन क्षेत्र में उत्पादन बढ़ाने के लिए नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने की जरूरत पर बल दिया.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मत्स्य विभाग में ड्रोन टेक्नोलॉजी का प्रयोग सिर्फ बिहार ही नहीं, बल्कि पूरे देश में शुरू हो रहा है. अगर मछली में बीमारी का पता चलता है, तो उसके लिए दवा का छिड़काव करने में, मछली को खाना देने में इसका उपयोग होगा. उन्होंने बताया कि मत्स्य विभाग में पहली बार ड्रोन टेक्नोलॉजी (Drone Technology) का प्रयोग शुरू हुआ है.
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बता दें कि बिहार की राजधानी पटना में मत्स्य पालन के क्षेत्र में ड्रोन तकनीकी और प्रत्यक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन हुआ, जिसमें सीएम नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह और उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने हिस्सा लिया. इस कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से सैकड़ों किसान और पशुपालन से जुड़े लोगों ने हिस्सा लिया.
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने कहा कि बिहार में करीब 60 लाख लोग मछली उत्पादन से जुड़े हुए हैं और यह क्षेत्र किसानों की आय में बढ़ोतरी करता है. प्रदेश में मछली उत्पादन के क्षेत्र में हुए विकास को लेकर उन्होंने सीएम नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए कहा कि बिहार अब इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर है.
कार्यक्रम के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि 2005 से पहले बिहार में कोई काम नहीं होता था, लेकिन उनकी सरकार ने हर क्षेत्र में सुधार करने का काम किया है. वो चाहे वह कृषि, पशुपालन या मछली पालन का ही क्षेत्र क्यों ना हो. मुख्यमंत्री ने बताया कि मछली उत्पादन में बिहार आत्मनिर्भर बन गया है और यहां की मछलियां अन्य प्रदेशों में भी भेजी जा रही हैं.
मत्स्य पालन क्षेत्र में निर्यात दोगुना करने पर काम कर रही है सरकार
केन्द्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने मत्स्यपालन एवं मात्स्यिकी के क्षेत्र में ड्रोन तकनीक और विभाग द्वारा इस क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों के संबंध में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के Vision और Initiatives से Fisheries sector में व्यापक बदलाव आया है. भारत आज विश्व में दूसरा सबसे बड़ा मत्स्य उत्पादक देश है और ग्लोबल फिश प्रोडक्शन में भारत का योगदान 8% है. उन्होंने कहा कि जल कृषि उत्पादन में भी भारत विश्व में दूसरे स्थान पर है. यह शीर्ष झींगा उत्पादक और निर्यातक देशों में से एक है और तीसरा सबसे बड़ा कैप्चर फिशरीज उत्पादक है. उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन क्षेत्र में निर्यात दोगुना करने पर सरकार काम कर रही है.