किसान इन दो तरीकों से करें धान की बुआई, होंगे ये 3 बड़े फायदे, बढ़ेगा मुनाफा
Paddy Crop: इसमें खास बात यह है कि किसानों को धान की रोपाई में आने वाले खर्च, समय और मेहनत तीनों की बचत होती है.
Paddy Crop: धान खरीफ सीजन में सबसे प्रमुख फसल है. पारंपरिक तरीके से धान की खेती में किसानों को ज्यादा मेहनत और पानी की जरूरत होती है. इसमें खर्चा भी ज्यादा आता है. धान की सीधी बुआई एक ऐसी तकनीक है, जिसमें धान के पौधे को बिना नर्सरी तैयार किए हुए सीधा खेत में लगाया जाता है. किसान धान के बीज को सीधे सीड ड्रिल मशीन के माध्यम से बुआई करते हैं. इसमें खास बात यह है कि किसानों को धान की रोपाई में आने वाले खर्च, समय और मेहनत तीनों की बचत होती है.
धान की सीधी बुआई कम लागत में ज्यादा उत्पादन
नम विधि-
इस विधि में बुआई से पहले एक गहरी सिंचाई करते हैं. 2-3 दिन के अंदर तुरंत दूसरी सिंचाई कर देनी चाहिए और जब खेत जुताई करने के लायक होता है तो खेत को तैयार करते हैं (दो से तीन जुताई+एक पाटा) और उसके तुरंत बाद ड्रिल द्वारा बुआई करते हैं. बुआई करते समय हल्का पाटा लगाते हैं, जिससे बीज अच्छी तरह से मिट्टी से ढक जाए. इस विधि से बुआई शाम के समय करनी चाहिए, जिससे नमी का कम से कम हास हो. इस विधि का इस्तेमाल करने से नमी संरक्षित रहती है.
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सूखी विधि-
इस विधि से धान की सीधी बुआई करने के लिए खेत को अच्छी तरह से तैयार करते हैं (दो से तीन जुताई एक पाटा). इसके बाद मशी से बुआई कर देते हैं और जमाव के लिए पानी लगाते हैं (या वर्षा का इंतजार करते हैं). अगर एक सिंचाई पर सही जमाव नहीं होता है तो तुरंत 4-5 दिन के अंदर दूसरी सिंचाई कर देनी चाहिए.
धान की सीधी बुवाई के फायदे
पानी का कम से कम उपयोग होता है
समय से फसल तैयार होती है
खरपतवार से मुक्त मिलती है
पेस्टिसाइड या कीटनाशक का इस्तेमाल कम होता है
मजदूरी लागत में कमी आती है
नर्सरी तैयार करने की जरूरत नहीं होती है
मीथेन उत्सर्जन और ग्लोबल वार्मिंग क्षमता में कमी आती है
धान की सीधी बुवाई से मिट्टी को नुकसान नहीं होता है