India Agri-Value Chain: दुनिया भर में एग्रीकल्चर सेक्टर में अग्रणी कॉर्टेवा एग्रीसाइंस एक व्यापक कार्यक्रम शुरू कर रहा है. इसका उद्देश्य 2030 तक भारत की एग्री-वैल्यू चेन में 20 लाख से अधिक महिलाओं की मदद करना है. इसके तहत कॉर्टेवा का लक्ष्य महिलाओं की सहायता कर और उपकरण व संसाधन प्रदान करते हुए उन्हें एक किसान, शोधकर्ता और उद्यमी बनने में मदद करना है. यह पहल संसाधनों और फैसले लेने वाली भूमिकाओं में महिलाओं को पुरुषों से बराबरी करने में मदद करती है, इसके साथ ही यह पहल उत्पादकता बढ़ानी वाली तकनीकों को विकसित करती है और खाद्य सुरक्षा की स्थिति को बेहतर बनाती है. यह कार्यक्रम पारंपरिक कॉर्पोरेट जिम्मेदारी से परे है. यह कार्यक्रम महिला-पुरुष के बीच समानता, सतत विकास और आर्थिक विकास को एक साथ लाने की मुहिम को मजबूती प्रदान करता है.

महिलाएं कृषि की रीढ़

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इस पहल की शुरुआत के अवसर पर कॉर्टेवा एग्रीसाइंस के साउथ एशिया प्रेसिडेंट सुब्रतो गीड ने कहा, महिलाएं ग्रामीण जीवन और कृषि की रीढ़ हैं. कॉर्टेवा खेती के बेहतर तरीकों, शिक्षा और टिकाऊ खेती के तरीके उपलब्ध कराते हुए महिलाओं की आय और उनकी जिंदगी को बेहतर बनाने का प्रयास कर रहा है. हमें उम्मीद है कि हमारा यह प्रयास भारत को एक विकसित राष्ट्र बनने में मदद करेगा. इस सामाजिक जिम्मेदारी को अपनाते हुए हम बेहद गर्व के साथ विकसित भारत की ओर एक कदम बढ़ा रहे हैं.

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20 लाख महिलाओं की सहायता करने की पहल

कॉर्टेवा एग्रीसाइंस के गवर्नमेंट एंड इंडस्ट्री अफेयर्स डायरेक्टर (एशिया पैसिफिक) अनुजा कादियान ने बताया, 20 लाख महिलाओं की सहायता करने की हमारी पहल में महिला-पुरुष के बीच समानता, आर्थिक विकास और पर्यावरणीय की सुरक्षा को शामिल किया गया है. महिलाओं को उपकरण, कृषि से जुड़ी जानकारी और संसाधन उपलब्ध कराते हुए, कॉर्टेवा महिलाओं को सतत विकास में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए नेतृत्व करने के योग्य बना रही है. यह प्रयास भारत की आर्थिक मजबूती, खाद्य सुरक्षा और स्थिरता के लक्ष्यों को हासिल करने में मदद कर रहा है. हमारे कार्यक्रमों का उद्देश्य एग्री वैल्यू चेन में महिलाओं को सक्षम बनाना है.

महिलाओं के नेतृत्व वाले फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन और महिला किसानों का विकास- ​सिर्फ महिला सदस्यों द्वारा संचालित फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन (FPO) और सहकारी समितियों के माध्यम से, कॉर्टेवा का लक्ष्य एग्री-वैल्यू चेन में महिलाओं को जोड़ते हुए एक-एक सभी को शामिल करने वाला ईकोसिस्टम तैयार करना है. डायरेक्ट सीडेड राइस (DSR), कार्बन सीक्वेस्ट्रेशन, सॉइल हेल्थ मैनेजमेंट और वाटर कंजर्वेशन जैसी क्लाइमेट-स्मार्ट प्रथाओं को आगे बढ़ाकर, कॉर्टेवा ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक विकास के साथ पर्यावरण की सुरक्षा में भी योगदान दे रहा है.

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STEM में महिलाओं का विकास: कॉर्टेवा महिला STEM छात्रों की क्षमता का विकास करने के साथ उनका मार्गदर्शन करेगी. इस प्रयास की मदद से कॉर्टेवा अधिक टिकाऊ और समावेशी कृषि के लिए भविष्य के लीडर्स और इनोवेटर्स को तैयार करेगी. 

ग्रामीण एवं कृषि समुदायों का विकास: कॉर्टेवा साफ पानी और भंडारण की सुविधाओं जैसे बेहतर बुनियादी ढांचे में निवेश कर रहा है. ये पहल कृषि की उत्पादकता को बढ़ाने में मदद करती है. इसके साथ ही यह सुनिश्चित करती हैं कि महिला किसानों के पास सफलता के लिए जरूरी संसाधन हों. इसके साथ ही, कॉर्टेवा के कार्यक्रम आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराते हुए स्वास्थ्य, कल्याण, वित्तीय साक्षरता और व्यावसायिक कौशल को प्राथमिकता देंगे, जिससे महिला किसानों को सेहतमंद और अधिक समृद्ध जिंदगी जीने में मदद मिलेगी और साथ ही टिकाऊ कृषि विकास को भी बढ़ावा मिलेगा.

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कॉर्टेवा की 20 लाख की पहल महिलाओं को कृषि विकास और इनोवेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में मदद करेगी. इन प्रयासों का उद्देश्य इनोवेशन, आर्थिक विकास, खाद्य सुरक्षा को आगे बढ़ाना और अधिक समावेशी कृषि क्षेत्र का निर्माण करना है.