Sugarcane Cultivation: गन्ना एक नकदी फसल है. यह चीनी का मुख्य स्रोत है. शीतकालीन गन्ना की बुआई शुरू हो गई है. गन्ना एक लंबी अवधि की फसल है. गन्ने की ज्यादा उपज पाने के लिए इसके खेतों में खरपतवारों का समय रहते प्रबंधन करना बहुत जरूरी है. खरपतवार (Weed) नियंत्रण न करने का असर गन्ना उत्पादन पर पड़ता है और इससे किसानों को अनुमान के मुताबिक मुनाफा नहीं मिल पाता है.

खरपतवार से कैसे होता है नुकसान

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आईसीएआर की रिपोर्ट के मुताबिक, विकसित देशों में कृषि में खरपतवारों से 5 से 10 फीसदी तक नुकसान हो सकते हैं. जबकि विकासशील देशों में यह नुकसान 20 से 30 फीसदी तक हो सकती है. खरपतवार का प्रकोप गन्ने को काफी नुकसान पहुंचाता है. खरपतवार रोगों और कीटों को बढ़ाते हैं, जिससे गन्ने की उपज कम हो जाती है.

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कैसे करें नियंत्रण

गन्ने की एकल कृषि प्रणाली में खरपतवारनाशी का उपयोग आम है, लेकिन अंत:फसलीकरण विधि (Intercropping Method) से इसे नियंत्रित किया जा सकता है. शरदकालीन गन्ने की बुआई में इंटरक्रॉपिंग विधि के जरिए चना, राजमा, मटर, मसूर, खेसारी, गेहूं, मक्का, तोरिया/सरसों, मूली, गाजर, चुकंदर, आलू, फूलगोभी, पत्ता गोभी, धनिया और कलौंजी लगा सकते हैं. 

खरपतवार नियंत्रण के लिए खरपतवारनाशी का व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा है- पहला- श्रम की कमी, दूसरा- पारंपरिक तरीके खरपतवार नियंत्रण करने में सक्षम नहीं हैं क्योंकि वे महंगे हैं और तीसरा- पारंपरिक तरीकों से नियंत्रित करना काफी मुश्किल है. खरपतवार नियंत्रण के लिए पूरी तरह से खरपतवारनाशी पर भरोसा नहीं किया जा सकता है.

कई प्रकार के खरतपवार, खरतपवारनाशी प्रतिरोध क्षमता विकसित कर रहे हैं, जिससे रासायनिक नियंत्रण कम प्रभावी और अधिक महंगा हो गया है. खरतपवारनाशी फसल-विशिष्ट होते हैं.