कमाई का मौका! गांधारी साग की खेती से मोटा मुनाफा कमा सकते हैं किसान, जानिए खेती करने का तरीका
Chaulai Farming: चौलाई या गांधारी साग पोषक तत्वों से भरपूर है जिसका प्रयोग कुपोषण दूर करने में एक बड़े हथियार के रूप में किया जा सकता है.
Chaulai Farming: किसानों के लिए गांधारी साग या चौलाई की खेती करना बहुत फायदेमंद है, क्योंकि चौलाई की खेती से बढ़िया कमाई हो जाती है. चौलाई से मिलने वाले साग और दाना दोनों ही नकदी फसलें हैं. चौलाई या गांधारी साग (Gandhari Saag) एक महत्वपूर्ण सब्जी है जिसकी खेती लगभग साल की जा सकती है. पौधों की तीव्र बढ़ोतरी क्षमता और प्रत्येक कटाई के बाद तुरंत पुनर्वृद्धि क्षमता और अधिक उपज क्षमता गांधारी साग की प्रमुख विशेषताएं हैं.
कुपोषण दूर करने का सबसे सस्ता स्रोत
गांधारी साग सबसे सस्ते सागों में से एक है जिसकी खेती आंगन-सागबाड़ी या शाकवाटिका में और बड़े खेतों में व्यवसायिक स्तर पर की जा सकती है. इसके अलावा चौलाई या गांधारी साग पोषक तत्वों से भरपूर है जिसका प्रयोग कुपोषण दूर करने में एक बड़े हथियार के रूप में किया जा सकता है.
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मिट्टी और जलवायु
गांधारी साग की खेती सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है लेकिन जैविक पदार्थ से भरपूर और अच्छी जल निकास वाली बलुई-दुमट मिट्टी इसकी खेती के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है. हल्की अम्लीय बलुई-दुमट मिट्टी गांधारी साग खेती के लिए उपयुक्त है. गांधारी साग की खेती उष्ण और उपोष्णकटिबंधीय दोनों क्षेत्रों में बहुत ही सफलतापूर्वक की जाती है.
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गांधारी साग की कुशल प्रकाशसश्लेषी क्षमता के कारण ज्यादा तापमान और पूर्ण सूर्य के प्रकाश में इसकी उपज अच्छी मिलती है. वायुमंडलीय तापमान सीमा 25 से 28 डिग्री सेल्सियस गांधारी साग की खेती के लिए सर्वोत्तम पाई गई है.
भूमि की तैयारी
गांधारी साग की ताजा पत्तियों और तनों को पकाकर स्वादिष्ट सब्जी के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. मिट्टी की तैयारी के लिए खेती को 3-4 बार अच्छी तरह जुताई करके मिट्टी को भुरभुरा बना लेना चाहिए.
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