Non Basmati White Rice: चावल की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला किया है. केंद्र ने गैर-बासमती सफेद चावल (Non Basmati White Rice) के एक्सपोर्ट (Export) पर रोक लगा दी है. भारतीय बाजार में गैर- बासमती सफेद चावल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने और घरेलू बाजार में कीम बढ़ोतरी पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से सरकार ने यह कदम उठाया है.

एक साल में 11.5% बढ़ी कीमतें

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल के एक्सपोर्ट पॉलिसी (Export Policy) में संशोधन कर उसे ‘20% निर्यात शुल्क के साथ मुक्त’ से हटाकर तुरंत प्रभाव से ‘प्रतिबंधित’ श्रेणी में डाल दिया है. बता दें कि घरेलू बाजार में चावल के दाम में बढ़ोतरी का रुझान बना हुआ है. खुदरा बाजार में कीमतों में एक साल पहले के मुकाबले 11.5% और पिछले माह के मुकाबले 3% की बढ़ोतरी हुई है.

ये भी पढ़ें- इस फूल की खेती से चमकेगी किस्मत, 4-5 महीने में बन जाएंगे मालामाल

घरेलू बाजार में कीमतें कम करने और पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 08.09.2022 को गैर-बासमती सफेद चावल पर 20% निर्यात शुल्क लगाया गया था. बहरहाल, 20% निर्यात शुल्क लगाये जाने के बावजूद इस किस्म के चावल का निर्यात 33.66 लाख मीट्रिक टन (सितंबर-मार्च 2021-22) से बढ़कर 42.12 लाख मीट्रिक टन (सितंबर- मार्च 2022- 23) तक पहुंच गया.

चालू वित्त वर्ष 2023-24 में अप्रैल से जून की अवधि में इस किस्म के 15.54 लाख मीट्रिक टन चावल का निर्यात किया गया जबकि वित्त वर्ष 2022-23 की इसी अवधि (अप्रैल- जून) के दौरान केवल 11.55 लाख मीट्रिक टन चावल का निर्यात हुआ था, यानी 35% बढ़ोतरी.  निर्यात में तेज बढ़ोतरी के लिये जियो-पॉलिटिकल आउटलुक, अल-नीनो (El-Nino) धारणा और दुनिया के चावल उत्पादक देशों में कठिन जलवायु परिस्थितियां आदि जिम्मेदार हैं.

ये भी पढ़ें- दुनिया की सबसे ताकतवर सब्जी उगाएं, मालामाल हो जाएं

एक्सपोर्ट बैन होने से कम होंगे दाम

देश के कुल चावल निर्यात में गैर-बासमती सफेद चावल का 25% योगदान होता है. गैर-बासमती सफेद चावल (Non Basmati White Rice) के निर्यात को प्रतिबंधित करने से देश में उपभोक्ताओं के लिये इसके दाम कम होंगे. 

बहरहाल, गैर-बासमती चावल (उसना चावल) और बासमती चावल की निर्यात नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है. कुल चावल निर्यात में इनका योगदान ही अधिक होता है. इससे किसानों को अंतरराष्ट्रीय बाजार के लाभकारी दाम का  लगातार लाभ मिलता रहेगा.

ये भी पढ़ें- बरसात में लगाएं ये पौधा और जिंदगी भर बैठकर कमाएं मुनाफा, सरकार दे रही 30 हजार रुपये, ऐसे करें आवेदन

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें