बोरियों में नहीं अब बोतल में मिलेगा DAP, नैनो यूरिया के बाद भारत सरकार ने Nano DAP को दी मंजूरी
Nano DAP : भारत सरकार ने नैनो यूरिया के बाद अब नैनो DAP को भी मंजूरी दे दी है. केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट कर जानकारी दी है. जानिए क्या है नैनो DAP और कैसे मिलेगा किसानों को इसका लाभ.
भारत सरकार ने नैनो डाय-अमोनियम फॉस्फेट यानी नैनो DAP को मंजूरी दे दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और रसायन व उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने ट्वीट कर इसकी पुष्टि की है. गौरतलब है कि इससे पहले इंडियन फार्म फर्टिलाइजर कोओपरेटिव लिमिटेड यानी IFFCO ने कुछ साल पहले नैनो यूरिया लॉन्च किया था. इसे भी भारत सरकार ने मंजूरी दे दी थी. डॉ. मंडाविया ने कहा कि इस उपलब्धि से किसानों को लाभ होगा.
किसानों को मिलेगा लाभ
डॉ. मनसुख मंडाविया ने ट्वीट कर लिखा, 'उर्वरक में आत्मनिर्भरता की तरफ एक ओर बड़ी उपलब्धि! भारत सरकार ने नैनो यूरिया के बाद अब नैनो 𝗗𝗔𝗣 को भी मंजूरी दे दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विजन आत्मनिर्भर भारत के तहत, यह सफलता किसानों को अत्यधिक लाभ देने वाली है. अब एक बैग DAP भी, एक बोतल DAP के रूप में मिलेगा.' आपको बता दें कि यूरिया के बाद डीएपी देश में दूसरी सबसे ज्यादा खपत होने वाली खाद है.
क्या है नैनो DAP
नैनो डीएपी डाय अमोनिया फॉस्फेट का तरल रूप है. इसे अभी तक ये पाउडर-गोलियों के तौर पर पीले रंग की बोरियों में उपलब्ध होता है. ये रसायन खाद पौधों के अंदर नाइट्रोजन और फॉस्फोरस की कमी को पूरा करती है. खाद में 18 फीसदी नाइट्रोजन और 46 फीसजी फॉस्फोरस होता है. इससे पौधों की जड़ के विकास में मदद मिलती है. इससे नाइट्रोजन फिक्सेशन का काम बेहतर ढंग से होता है. ट्रायल के दौरान अलग-अलग फसलों में इसका ट्रायल किया गया था.
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भारत में DAP की सालाना 10 से 12.5 मिलियन टन खपत होती है. वहीं, भारत में इसका केवल चार से पांच मिलियन टन उत्पादन होता है. बाकी DAP आयात करना पड़ता है.