Clean Plant Programme: सरकार ने बागवानी फसलों के लिए रोपण सामग्री की गुणवत्ता में सुधार के लिए 1,766 करोड़ रुपये के आउटले के साथ 'क्लीन प्लांट प्रोग्राम' (Clean Plant Programme) को मंजूरी दी है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य निर्यात को बढ़ावा देना और किसानों की आय बढ़ाना है. यह फैसला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया.

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केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव नें कहा, किसानों की आय बढ़ाने के लिए बड़ा फैसला लिया गया है. मंत्रिमंडल ने स्वच्छ पौध कार्यक्रम को मंजूरी दी है. वैष्णव ने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किए जाने वाले इस कार्यक्रम का उद्देश्य बागवानी फसलों में वायरस संक्रमण से निपटना है, जो उत्पादकता और गुणवत्ता दोनों को प्रभावित करता है. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के तहत 9 संस्थानों को स्वच्छ पौध केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा.

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इनमें अंगूर (एनसीआर-पुणे), शीतोष्ण फल- सेब, बादाम, अखरोट आदि (सीआईटीएच, श्रीनगर और मुक्तेश्वर), खट्टे फल (सीसीआरआई, नागपुर और सीआईएएच, बीकानेर), आम, अमरूद, एवाकाडो (आईआईएचआर, बेंगलुरु), आम, अमरूद, लीची (सीआईएसएच, लखनऊ), अनार (एनआरसी, शोलापुर) और पू्र्वी भारत में उष्णकटीबंधीय, उप-उष्णकटिबंधीय फल शामिल हैं.

बागवानी निर्यात बढ़कर 50,000 करोड़ रुपये से अधिक

वैष्णव ने कहा कि पिछले 10 साल में बागवानी निर्यात बढ़कर 50,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है, जिससे किसानों के लिए आय और उपभोक्ताओं के लिए पोषण का अच्छा स्रोत उपलब्ध हो रहा है.

Clean Plant Programme से उम्मीद है कि इससे उत्पादों की खराब गुणवत्ता की समस्या दूर होगी, जिससे वजह से निर्यात और कीमतों पर असर पड़ रहा है। इससे वैश्विक बागवानी बाजार में भारत की प्रतिस्पर्धी क्षमता में सुधार होगा.