खरीफ सीजन के लिए मोदी सरकार की किसानों को सौगात, 24 हजार करोड़ रुपए की खाद सब्सिडी को दी मंजूरी
Cabinet Decision, Fertilizer Subsidy: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने खरीफ सीजन के लिए 24 हजार करोड़ रुपए की खाद सब्सिडी को मंजूरी दे दी है.
Cabinet Decision, Fertilizer Subsidy: पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने खरीफ सीजन के लिए खाद सब्सिडी बढ़ाने को मंजूरी दे दी है. खरीफ सीजन के लिए 24 हजार करोड़ रुपए की खाद सब्सिडी को मंजूरी दे दी है. इसके अलावा कैबिनेट ने असम में टाटा कम्पनी के पैकेजिंग प्लांट को भी मंजूरी दी है. सूत्रों के मुताबिक धोलेरा में टाटा ग्रुप के सेमोकंडक्टर प्लांट को मंजूरी दे दी है. CG Power के OSAT प्लांट को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है.
Cabinet Decision, Fertilizer Subsidy: तीन नए ग्रेड को शामिल करने की दी है मंजूरी
केंद्रीय सूचना और प्रसारण अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट की फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि कैबिनेट ने एनबीएस योजना के तहत 3 नए उर्वरक ग्रेड को शामिल करने को मंजूरी दी है. वहीं, फॉस्फेटिक और पोटाश (P and K) उर्वरकों पर खरीफ सीजन, 2024 (01.04.2024 से 30.09.2024 तक) के लिए पोषक तत्व आधारित 24,420 करोड़ रुपए की सब्सिडी को मंजूरी कर दी है. सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि दुनिया मे खाद यूरिया के दाम बढ़े,लेकिन मोदी सरकार ने इनके दाम नही बढ़ने दिए हैं.
इतनी है नाइट्रोजन, फॉसफोरस और पोटाश खाद सब्सिडी की दरें
NBS पॉलिसी के अंतर्गत पोषक तत्वों की सब्सिडी की दरें, वार्षिक या द्विवार्षिक आधार पर निर्धारित की जाती हैं. जिनके आधार पर 25 P&K उर्वरकों के लिए अनुमान्य सब्सिडी की गणना की जाती है. आगामी खरीफ 2024 सीजन के लिए नाइट्रोजन के लिए 47.02 रुपए प्रति किलो; फॉसफोरस के लिए 28.72 रुपए प्रति किलो; पोटाश के लिए 2.38 रुपए प्रति किलो और सल्फर के लिए 1.89 रुपए प्रति किलो सब्सिडी निर्धारित की गयी है.
किसानों को DAP 1,350 रुपए प्रति बैक के पुराने रेट पर उपलब्ध होती रहेगी. इसी प्रकार NPK 1,470 रुपए प्रति बैग एवं MoP 1,677 रुपए प्रति बैग की पुरानी दरों पर उपलब्ध होती रहेंगी. सिंगल सुपर फॉसफेट जोकि देश में उत्पादित होता है तथा DAP का विकल्प हैं, उसका उपयोग बढ़ाने के लिए SSP पर फ्रेट सब्सिडी जारी रखी जायेगी. इससे आगामी खरीफ सीजन में किसानों के लिए सस्ती दरों पर ऊर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित बनी रहेगी.