Budget 2024: खाने के तेल में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्ट्रैटेजी बनाएगी सरकार, सरसों-मूंगफली की खेती पर जोर
Budget 2024: मार्केटिंग ईयर 2022-23 (नवंबर-अक्टूबर) के दौरान, देश ने लगभग 165 लाख टन खाद्य तेलों का आयात किया, जिसकी वैल्यू 1.38 लाख करोड़ रुपये थी.
Budget 2024: वित्त मंत्री (Financce Minister) निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि सरकार तिलहनों (Oilseeds) के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देकर खाद्य तेलों (Edible Oils) के मामले में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की रणनीति बनाएगी और डेयरी किसानों (Dairy Farmers) को समर्थन देने के लिए एक व्यापक कार्यक्रम शुरू करेगी. खाद्य तेलों (Edible Oils) की घरेलू मांग को पूरा करने के लिए भारत बड़ी मात्रा में खाद्य तेलों का आयात करता है. मार्केटिंग ईयर 2022-23 (नवंबर-अक्टूबर) के दौरान, देश ने लगभग 165 लाख टन खाद्य तेलों का आयात किया, जिसकी वैल्यू 1.38 लाख करोड़ रुपये थी.
वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 का अंतरिम बजट (Interim Budget 2024) पेश करते हुए कहा कि सरकार फूड प्रोसेसिंग स्तर और किसानों की आय (Farmers Income) को बढ़ावा देने के लिए फसल कटाई के बाद की गतिविधियों में निजी और सार्वजनिक निवेश को बढ़ावा देगी. एक प्रमुख उर्वरक, नैनो-लिक्विड डीएपी (डाइ-अमोनियम फॉस्फेट) के इस्तेमाल को सभी कृषि-जलवायु क्षेत्रों में विस्तारित किया जाएगा.
ये भी पढ़ें- Budget में हर महीने 300 यूनिट फ्री बिजली का ऐलान, इन Power Stock में दिखेगा जोश
उन्होंने कहा कि सरकार कृषि क्षेत्र में वैल्यू एडिशन और किसानों की आय बढ़ाने के प्रयासों को आगे बढ़ाएगी. सीतारमण ने कहा, किसान हमारे 'अन्नदाता' हैं. हर साल, पीएम-किसान सम्मान योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) के तहत, सीमांत और छोटे किसानों सहित 11.8 करोड़ किसानों को प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है.
पीएम फसल बीमा योजना (PM Fasal Bima Yojana)के तहत 4 करोड़ किसानों को फसल बीमा दिया जाता है. ये कई अन्य कार्यक्रमों के अलावा, देश और दुनिया के लिए भोजन पैदा करने में ‘अन्नदाता’ की सहायता कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र समावेशी, संतुलित, उच्च विकास और उत्पादकता के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि इन्हें किसान-केंद्रित नीतियों, आय सहायता, मूल्य और बीमा समर्थन के माध्यम से जोखिमों के ‘कवरेज’ और स्टार्टअप के माध्यम से टेक्नोलॉजीज और इनोवेशन को बढ़ावा देने की सुविधा मिल रही है.
खाद्य तेलों के आयात पर निर्भरता कम करने का प्लान
घरेलू मांग को पूरा करने के मकसद से खाद्य तेलों के आयात पर निर्भरता कम करने के लिए अंतरिम बजट में यह भी प्रस्ताव है कि तिलहनों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देकर देश को आत्मनिर्भर बनाने की रणनीति बनाई जाएगी. सीतारमण ने कहा, ‘‘वर्ष 2022 में घोषित पहल पर आगे बढ़ते हुए, सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसे तिलहनों के मामले में ‘आत्मनिर्भरता’ हासिल करने के लिए एक रणनीति तैयार की जाएगी. इसमें उच्च उपज देने वाली किस्मों के लिए अनुसंधान, आधुनिक खेती तकनीकों को व्यापक रूप से अपनाने, बाजार संपर्क, खरीद, मूल्यवर्धन और फसल बीमा को शामिल किया जाएगा.
ये भी पढ़ें- Budget 2024 में एग्री, फर्टिलाइजर से जुड़े बड़े ऐलान, इन Agri Stock पर रखें नजर
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर, 2023 में समाप्त हुए चालू तेल वर्ष में देश का वनस्पति तेल आयात 16% बढ़कर 167.1 लाख टन हो गया. इससे पिछले तेल वर्ष 2021-22 (नवंबर-अक्टूबर) में भारत ने 144.1 लाख टन वनस्पति तेल का आयात किया था. मूल्य के संदर्भ में, एसईए ने कहा कि देश का खाद्य तेल आयात वित्त वर्ष 2022-23 में 1.38 लाख करोड़ रुपये का था, जो 2021-22 के 1.57 लाख करोड़ रुपये से कम है.
खुरपका और मुंहपका जैसी बामारियों को नियंत्रित करने के प्रयास
वित्त मंत्री ने कहा कि डेयरी किसानों के समर्थन के लिए एक व्यापक कार्यक्रम तैयार किया जाएगा. उन्होंने कहा, खुरपका और मुंहपका जैसी बामारियों को नियंत्रित करने के प्रयास पहले से ही जारी हैं. भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक है, लेकिन दुधारू पशुओं की उत्पादकता कम है. यह कार्यक्रम राष्ट्रीय गोकुल मिशन, राष्ट्रीय पशुधन मिशन और डेयरी प्रोसेसिंग और पशुपालन के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड जैसी मौजूदा योजनाओं की सफल करते हुए परिणामदायी बनाया जाएगा.
फूड प्रोसेसिंग (Food Processing) को बढ़ावा देने के लिए सीतारमण ने जोर दिया कि कृषि क्षेत्र में वैल्यू एडिशन और किसानों की आय बढ़ाने के प्रयासों को तेज किया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना (PM Kisan Sampada Yojana) से 38 लाख किसानों को फायदा हुआ है और 10 लाख रोजगार पैदा हुए हैं. प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम औपचारिकीकरण योजना ने 2.4 लाख सेल्फ हेल्प ग्रुप (SHG) और 60 हजार व्यक्तियों को ‘क्रेडिट लिंकेज’ से सहायता प्रदान की है.
ये भी पढ़ें- Agri Stock: लिस्टिंग के बाद नहीं थम रही इस एग्रीटेक कंपनी में तेजी, लगा 5% का अपर सर्किट
फसल की कटाई के बाद एक्टिविटी में निवेश को बढ़ावा
अन्य योजनाएं फसल कटाई के बाद के नुकसान को कम करने और उत्पादकता और आय में सुधार के प्रयासों को पूरक बना रही हैं. वित्त मंत्री ने कहा, कृषि क्षेत्र की तेज बढ़ोतरी सुनिश्चित करने के लिए, हमारी सरकार एकत्रीकरण, आधुनिक भंडारण, कुशल आपूर्ति श्रृंखला, प्राथमिक और माध्यमिक प्रोसेसिंग और मार्केटिंग और ब्रांडिंग सहित फसल कटाई के बाद की गतिविधियों में निजी और सार्वजनिक निवेश को बढ़ावा देगी.
उन्होंने कहा कि नैनो यूरिया (Nano Urea) को सफलतापूर्वक अपनाने के बाद अलग-अलग फसलों पर नैनो डीएपी (Nano DAP) के अनुप्रयोग का सभी कृषि-जलवायु क्षेत्रों में विस्तार किया जाएगा.
5 इंटीग्रेडेटेड एक्वापार्क लगाएगी सरकार
मत्स्य पालन क्षेत्र में, वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने मछुआरों की सहायता के महत्व को समझते हुए मत्स्य पालन के लिए एक अलग विभाग स्थापित किया है. उन्होंने कहा, इसके चलते अंतर्देशीय और जलीय कृषि उत्पादन दोगुना हो गया है. वित्त वर्ष 2013-14 से समुद्री खाद्य निर्यात भी दोगुना हो गया है. उन्होंने घोषणा की कि जलीय कृषि उत्पादकता को मौजूदा 3 से 5 टन प्रति हेक्टेयर तक बढ़ाने, निर्यात को दोगुना करके 1 लाख करोड़ रुपये करने और निकट भविष्य में 55 लाख रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए प्रधान मंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY) के कार्यान्वयन को बढ़ाया जाएगा. 5 इंटीग्रेडेटेड एक्वापार्क भी स्थापित किये जाएंगे.
वित्त मंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट ने 1,361 मंडियों को एकीकृत कर दिया है और इसमें 3 लाख करोड़ रुपये मूल्य का कारोबार हो रहा है और 1.8 करोड़ किसानों को सेवाएं मिल रही हैं. सीतारमण ने इस बात को रेखांकित किया, 80 करोड़ लोगों के लिए मुफ्त राशन के माध्यम से भोजन की चिंता समाप्त हो गई है. ‘अन्नदाता’ की उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) समय-समय पर उचित रूप से बढ़ाया जाता है.