Shrimp Farming: वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण ने बजट में झींगा पालकों को बड़ी राहत दी है. वित्त मंत्री ने झींगा पालन (Shrimp Farming) को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता देने की घोषणा की. वित्त मंत्री ने कहा कि झींगा ब्रूड-स्टॉक्स न्यूक्लियस ब्रीडिंग केंद्रों का नेटवर्क स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी. उन्‍होंने कहा कि झींगा पालन, उनके प्रोसेसिंग और निर्यात के लिए नाबार्ड (NABARD) के माध्यम से फंडिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. 

झींगा फीड पर कस्टम ड्यूटी में कटौती

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सरकार ने बजट में झींगा फीड और ब्रूडस्टॉक के आयात पर शुल्क में कटौती की है. वहीं फिश फीड पर भी आयात शुल्क घटाया गया है. झींगा फीड के आयात पर लगने वाले शुल्क को 15 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया है. वहीं ब्रूडस्टॉक आयात करने पर भी शुल्क में कमी करते हुए उसे 10 से 5 फीसदी कर दिया है. सरकार के इस फैसले से झींगा पालन करने वालों को बड़ी राहत मिलेगी. झींगा मछली का पालन भी भारत में मशहूर हैं. इसमें थोड़ी सी मेहनत और निवेश की जरूरत है. 

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तालाब की तैयारी

झींगा पालन मीठे पानी में की जा सकती है. इसके लिए तालाब की तैयारी उसी तरह की जाती है जैसे मछली पालन के लिए. इसमें मुख्य अंतर यह है कि झींगा पालन में शुरू में ही खाद की मात्रा बढ़ाकर दी जाती है और बीज संचय करने बाद खाद नहीं डाली जाती. 

मिट्टी की पी.एच के अनुसार तालाब में चूने का इस्तेमाल 250-1000 किग्रा प्रति हेक्टेयर की दर से करना चाहिए. चूना पी.एच को सही रखता है, पानी की बफर क्षमता को बढ़ाता है और तालाब को रोगाणु मुक्त रखता है. यह कैल्शियम का भी स्रोत है. झींगा मछली के बीज तालाब में डाल दें. इनको भोजन के रूप मेें सूजी, मेंदा, अंडे को एक साथ मिलाकर देना चाहिए. इनके खाने में 80 फीसदी शाकाहारी और 20 फीसदी मांसाहारी पदार्थ होने चाहिए. 

झींगा उत्पादन

झींगा लगभग 6 महीने में बाजार के लिए तैयार हो जाता है. इसकी पूरा तालाब से निकालने के लिए तालाब के पानी को निकलना ही बेहतर उपाय है. एकल पालन में इसका उत्पादन 6 महीने में 800 से 1000 किग्रा तक मिल सकता है.