नई सरकार के गठन के बाद अब पूर्णकालिक बजट की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की कृषि संगठनों और कृषि अर्थशास्त्रियों के साथ बैठक हुई है. इस बैठक में किसानों को मिलने वाली सहायता राशि 6 हजार रुपए की बढ़ोतरी की मांग की गई है. किसानों को सब्सिडी को जमीन के अनुपात में बाटने का सुझाव दिया गया है. इसके अलावा जरूरतमंद किसानों को ये सब्सिडी सीधे खाते में भेजने पर विचार किया जा सकता है. 

यूरिया की सब्सिडी घटाने और प्राइस बढ़ाने का सुझाव

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बजट की चर्चा में टेनेंट किसानों को भी सरकारी योजना का लाभ देने का सुझाव दिया गया है. एग्री बिजनस स्कीम में 2010 से कोई बदलाव नहीं हुआ है. ऐसे में इस पर एक बार फिर पुनर्विचार करने का सुझाव दिया गया है. कृषि अर्थशास्त्रियों के मुताबिक यूरिया पर सब्सिडी ज्यादा है, इस कारण इसे घटा कर अन्य पोटाश और बाकी को राशनल करने की जरूरत है. इससे पोटाश और अन्य की खपत बढ़ सकती है. यूरिया की प्राइस बढ़ाने का सुझाव और उसपर सब्सिडी घटाने का सुझाव दिया है.   

किसानों की इनकम बढ़ाने के लिए जीएसटी काउंसिल की व्यवस्था, इनपुट क्रेडिट का मिलना चाहिए लाभ  

कृषि अर्थशास्त्रियों ने वित्त मंत्री के साथ मीटिंग में सुझाव दिया है कि किसानों की इनकम बढ़ाने को लेकर एक जीएसटी काउंसिल जैसी व्यवस्था हो. साथ ही किसानों को जीएसटी क्रेडिट इनपुट का लाभ मिलना चाहिए, इसकी व्यवस्था होनी चाहिए.  गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बुधवार को  बजट पूर्व परामर्श बैठक में भाग लिया था. इसमें अर्थशास्त्रियों ने कहा था कि 2024-25 के बजट में विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के अलावा रोजगार सृजन पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए.

केंद्र सरकार ने 5.35 फीसदी बढ़ाया धान का MSP 

आपको बता दें कि सरकार ने बुधवार को खरीफ विपणन सत्र 2024-25 के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5.35 प्रतिशत बढ़ाकर 2,300 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया. धान के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी सरकार के पास अधिशेष चावल भंडार होने के बावजूद हुई है.  एमएसपी वृद्धि की घोषणा करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मंत्रिमंडल ने कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर 14 खरीफ (ग्रीष्मकालीन) फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्यों को मंजूरी दी है.