धान की फसल में भूना तना महुआ कीट का प्रकोप, समय रहते करें इन दवाइयों का छिड़काव वरना हो सकता है नुकसान
Paddy Crop: यह कीट धान की तनों से रस चूसकर फसल को भारी नुकसान पहुंचाते हैं. समय रहते दवाइयों का छिड़काव नहीं किया गया तो किसानों को नुकसान उठाना पड़ सकता है.
Paddy Crop: धान, खरीफ सीजन की मुख्य फसल है. इस साल धान की बुवाई का रकबा बढ़कर 398.08 लाख हेक्टेयर पहुंच गया है. मौसम में बदलाव की वजह से धान की फसल में रोग और कीट लग जाते हैं. बिहार के कई जिलों में खरीफ धान की फसल में भूरा तना मधुआ कीट (Brown Plant Hopper) का हमला हुआ है. यह कीट धान की तनों से रस चूसकर फसल को भारी नुकसान पहुंचाते हैं. समय रहते दवाइयों का छिड़काव नहीं किया गया तो किसानों को नुकसान उठाना पड़ सकता है.
कैसे करें कीट की पहचान
यह कीट हल्के भूरे रंग के होते हैं. इनका जीवन चक्र 20-25 दिनों तक का होता है. इसके वयस्क और शिशु दोनों पौधों के तने के आधार भाग पर रहकर रस चूसते हैं. अधिक रस निकलने की वजह से पौधे पीले पड़ जाते हैं और जगह-जगह पर चटाईनुमा क्षेत्र बन जाता है जिसे 'हॉपर बर्न' कहते हैं.
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रोकथाम के उपाय
- किसान भाई इस कीट का प्रबंधन समय रहते कर सकते हैं.
- धान में बानी निकलते समय खेत में ज्यादा जल-जमाव न होने दें.
- अनुशंसित मात्रा में नेत्रजन उर्वरक का प्रयोग करें.
- खेत को खर-पतवार से मुक्त रखें.
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कीटनाशक
कीटनाशक का नाम | अनुशंसित मात्रा |
1. एसीफेट 75% डब्ल्यू.पी | 1.25 ग्राम प्रति लीटर |
2. एसिटामेप्रिड 20% एस.पी | 0.25 ग्राम प्रति लीटर |
3. बुप्रोफेजिन 25% एस.पी | 1.5 मिली प्रति लीटर |
4. कार्बोसल्फॉन 25% ई.सी | 1.5 मिली प्रति लीटर |
5. इथोफेनोप्रॉक्स 10% ई.सी | 1 मिली प्रति लीटर |
6. फिप्रोनिल 05% एस.सी | 2 मिली प्रति लीटर |
7. इमिडाक्लोप्रिड 17.8% एस.एल | 1 मिली प्रति 3 लीटर |
8. मोनोकोटोफॉस 36% एस.एल | 2.5 मिली प्रति लीटर |
9. थायोमेथाक्साम 25% ई.सी | 1 ग्राम प्रति 5 लीटर |
10. क्विनालफॉस 25% ई.सी | 2.5-3 मिली प्रति लीटर |
11. एसिफेट 50%+इमिडाक्लोप्रिड 1.8% एस.पी | 2 ग्राम प्रति लीटर |
12. फिप्रोनिल 04%+ थायमेथाक्साम 4% एस.पी | 2 मिली प्रति लीटर |