Subsidy: ड्रोन के जरिए कीटनाशकों का छिड़काव करें किसान, 50% सब्सिडी देगी सरकार
Subsidy News: 15 जनवरी से आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसका फायदा रैयत के साथ ही गैर-रैयत किसानों को भी फायदा मिलेगा.
Subsidy News: कीटों से परेशान किसानों के लिए अच्छी खबर है. फसल सुरक्षा योजना में पहली बार फसलों पर ड्रोन (Drone) से भी कीटनाशकों को छिड़काव की सुविधा को शामिल किया गया है. बिहार सरकार किसानों को कीटनाशकों के छिड़काव करने पर प्रति एकड़ 50 फीसदी देगी. कीटनाशक का छिड़काव करने वाली सेवा प्रदाता एजेंसी का चयन कर लिया गया है. 15 जनवरी से आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसका फायदा रैयत के साथ ही गैर-रैयत किसानों को भी फायदा मिलेगा. इसके लिए किसानों को आवेदन करते समय शपथ पत्र या पंचायत प्रतिनिधि से अनुशंसा पत्र देना होगा. योजना के तहत कम से कम एक एकड़ तो अधिकतम 10 एकड़ में एक किसान ड्रोन से छिड़काव करा सकते हैं.
कितनी मिलेगी सब्सिडी
किसानों को प्रति एकड़ ड्रोन से दवा छिड़कने पर 480 रुपये खर्च होगा. इस पर 50 फीसदी यानि 240 रुपये सरकार सब्सिडी देगी, जबकि बाकी 240 रुपये किसान को देना होगा. साथ ही दवा भी किसान को ही उपलब्ध करानी होगी. शर्त यह भी किसान को कृषि विभाग और कृषि वैज्ञानिकों द्वारा अनशंसित कीटनाशकों का इस्तेमाल करना होगा.
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किसान दलहन, तिलहन, आलू, मक्का, गेहूं और अन्य फसलों पर कीट प्रबंधन के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर सकते हैं. योजना का फायदा उन्हीं किसानों को मिलेगा जो कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर रजिस्टर्ड हैं.
आवेदन के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट
ड्रोन से दवा का छिड़काव कराने के इच्छुक किसान कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन करते समय जमीन का रकबा, फसल के प्रकार, जमीन का रसीद और आधार कार्ड देना होगा. कृषि समन्वयक, पौधा संरक्षण कर्मी, प्रखंड तकनीकी और सहायक प्रबंधक प्राप्त आवेदनों का वेरिफिकेशन करेंगे, जबकि चयनित एजेंसी ड्रोन से दवा का छिड़काव करेगी. मशीन से छिड़काव करने पर पानी, मेहनत और पूंजी अधिक लगती है, जबकि ड्रोन से छिड़काव करने पर किसानों के स्वास्थ्य पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा. यही नहीं किसानों को शारीरिक परिश्रम भी नहीं करना होगा. साथ ही बहुत ही कम समय और मात्र 8 से 10 लीटर पानी में एक एकड़ में छिड़काव का काम पूरा हो जाएगा.
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पायलट प्रजोक्ट के तहत ड्रोन से दवा का छिड़काव के लिए जिले का भी चयन किया गया है. इससे समय के सात मेहनत की भी बचत होगी. इच्छुक किसान डीबीटी पोर्टल पर जरूरी दस्तावेज के साथ आवेदन दे सकते हैं. अगर कोई किसान अकेले ड्रोन से एक एकड़ में कीटनाशक का छिड़काव कराता है तो कीट बगल के खेतों में शिफ्ट हो सकता है. इसलिए उनको चाहिए कि ग्रुप में छिड़काव कराएं तो ये नौबत नहीं आएगी.